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सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष पर आरोप लगाया है कि उन्होंने महिला डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या मामले में पॉलीग्राफ जांच के दौरान भ्रामक जवाब दिए। सीबीआई ने उन्हें अस्पताल…
नई दिल्ली, एजेंसी। आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष ने पॉलीग्राफ जांच और लेयर्ड वॉइस एनालिसिस के दौरान ‘भ्रामक जवाब दिए। महिला डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या मामले में सीबीआई ने उससे कई महत्वपूर्ण सवाल किए थे।
सीबीआई अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि नई दिल्ली में स्थित केंद्रीय न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) की एक रिपोर्ट के अनुसार, संदीप घोष का जवाब इस मामले से जुड़े ‘कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर भ्रामक पाया गया है। उन्होंने बताया कि पॉलीग्राफ जांच के दौरान मिली जानकारी का मुकदमे की सुनवाई के दौरान सबूत के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। हालांकि, एजेंसी इसका उपयोग कर ऐसे सबूत एकत्र कर सकती है जिनका अदालत में इस्तेमाल किया जा सकता है।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि संदीप घोष को नौ अगस्त को सुबह नौ बजकर 58 मिनट पर डॉक्टर से दरिंदगी के बारे में जानकारी मिल गई थी लेकिन उन्होंने पुलिस में तुरंत शिकायत दर्ज नहीं कराई। मामले की जांच कर रही सीबीआई ने अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में दो सितंबर को घोष को गिरफ्तार किया था। संघीय जांच एजेंसी ने बाद में उनके खिलाफ सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप भी जोड़े थे।
क्या है पॉलीग्राफ जांच
पॉलीग्राफ जांच संदिग्धों और गवाहों के बयानों में विसंगतियों का आकलन करने में मदद कर सकती है। उनकी मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रियाओं हृदय गति, सांस लेने के तरीके, पसीने और रक्तचाप की निगरानी करके जांचकर्ता यह निर्धारित कर सकते हैं कि उनकी प्रतिक्रिया में विसंगतियां हैं या नहीं।
क्या है लेयर्ड वॉइस एनालिसिस
यह झूठ का पता लगाने वाली एक नई तरह की जांच है। इसका उपयोग आरोपी के झूठ बोलने पर उसकी प्रतिक्रिया का पता लगाने के लिए किया जाता है। हालांकि, यह झूठ की पहचान नहीं करता। यह तकनीक आवाज में तनाव और भावनात्मक संकेतों की पहचान करती है।
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