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भाजपा और कांग्रेस की ओर से सवाल उठाया जा रहा है कि यदि केजरीवाल जल्दी चुनाव चाहते हैं तो उन्होंने विधानसभा भंग करने की सिफारिश क्यों नहीं की? आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इसका जवाब दिया है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफे की घोणषा कर दी है। उन्होंने कहा कि 2-3 दिनों में आम आदमी पार्टी के विधायक नए मुख्यमंत्री का चुनाव करेंगे। इसके साथ ही केजरीवाल ने दिल्ली में जल्दी चुनाव की मांग भी कर डाली। उन्होंने कहा कि नवंबर में चुनाव कराया जाए। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस की ओर से सवाल उठाया जा रहा है कि यदि केजरीवाल जल्दी चुनाव चाहते हैं तो उन्होंने विधानसभा भंग करने की सिफारिश क्यों नहीं की? आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इसका जवाब दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति शासन की आशंका जाहिर करते हुए कहा कि इससे बचने के लिए विधानसभा को भंग नहीं किया जा रहा है।
एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान संजय सिंह से सवाल किया गया कि केजरीवाल ने विधानसभा सदस्यता भंग नहीं की? इसके जवाब में राज्यसभा सांसद ने कहा, ‘विधानसभा भंग करके राष्ट्रपति शासन लगवाना है क्या यहां पर? जहां विधानसभा भंग हुई फिर कितने सालों तक राष्ट्रपति शासन लगवाकर रखेंगे आपको क्या बता बीजेपी वालों के बारे में। इनका काम है खरीद-फरोख्त करना, सरकारों को गिराना, चुनी हुई सरकारों को गिराना। चुनाव कराना है तो चुनाव आयोग तय कर ले। हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं वन नेशन, वन इलेक्शन वह तय कर लें।’
दरअसल, आम आदमी पार्टी का मानना है कि यदि एक बार दिल्ली में राष्ट्रपति शासन हो गया तो भाजपा चुनाव में कुछ देरी कर सकती है और केजरीवाल के इस्तीफे के बाद जो माहौल तैयार किया गया है वह ठंडा पड़ जाएगा। दूसरी वजह यह भी है कि मंच से भले ही केजरीवाल ने जल्दी चुनाव की मांग कर डाली, लेकिन वह जानते हैं कि ऐसा होना मुमकिन नहीं है। ऐसे वह भी चाहते हैं कि सरकार नए मुख्यमंत्री के नतृत्व में बचा हुआ कार्यकाल पूरा करे। चुनाव में उतरने से पहले वह महिलाओं को आर्थिक सहायता देने की योजना समेत कुछ ऐसे काम करवाना चाहेंगे जिनका चुनाव में लाभ हो सकता है।
दिल्ली में विधानसभा का चुनाव फरवरी में प्रस्तावित है। केजरीवाल ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा के साथ दिल्ली में भी नंवबर में चुनाव कराने की मांग की है। भाजपा भी कह रही है कि वह जल्दी चुनाव के लिए तैयार है। हालांकि, जानकारों का मानना है कि यदि केजरीवाल अभी विधानसभा भंग भी कर देते हैं तो चुनाव निर्धारित समय से ही होंगे। दिल्ली में अभी मतदाता सूची को अपडेट करने का काम होना बाकी है, यह जनवरी तक ही पूरा हो पाएगा। ऐसे में चुनाव आयोग के लिए नवंबर में चुनाव कराना मुमकिन नहीं है।
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