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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज झारखंड की लौह नगरी जमशेदपुर पहुंच रहे हैं। नई दिल्ली से वे रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचेंगे। इसके बाद चौपर से जमशेदपुर के लिए रवाना होंगे। अपने एक दिवसीय कार्यक्रम के तहत कई योजनाओं की शुरुआत करेंगे। वंदे भारत ट्रे
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प्रधानमंत्री के कोल्हान दौरे को कई मायने में अहम माना जा रहा है। भाजपा का कहना है कि झारखंड की सियासी जंग जीतने के लिए पीएम मोदी कोल्हान की धरती से चुनावी बिगुल फूंकने जा रहे हैं। इस दौरे में वे सौगातों की बौछार कर कोल्हान की सभी 14 सीटों को जीतने की कोशिश करेंगे। भाजपा इस बात का दावा कर रही है कि इस दौरे के बाद आगामी चुनाव में पार्टी को 60 से 65 सीटें मिलने वाली हैं।
हालांकि, गठबंधन इसे इवेंट मैनेजमेंट से अधिक कुछ नहीं बता रही है। कांग्रेस का कहना है कि पीएम का यह शो फ्लॉप शो साबित होगा। वहीं, JMM का भी कुछ ऐसा ही कहना है। गठबंधन का दावा है कि पीएम दौरा कर लें या किसी को लॉन्च कर लें, आगामी चुनाव में बीजेपी का सुपड़ा साफ होने जा रहा है।
पीएम के दौरे, भाजपा की मंशा और इंडिया गठबंधन के दावे को हम एक्सपर्ट की मदद से बता रहे हैं कि पीएम के इस दौरे का आगामी विधानसभा चुनाव और खास कर कोल्हान पर कितना फायदा होने जा रहा है।
पहले जानिए, कोल्हान का क्या है राजनीतिक सीन
पीएम के दौरे के संभावित असर पर बात करने से पहले यह जानना जरूरी है कि कोल्हान की वर्तमान राजनीतिक परिद्श्य कैसी है। कोल्हान में विधानसभा की कुल 14 सीटें हैं। जिनमें से 09 ST और 01 SC के लिए आरक्षित है। बाकी चार सीटें सामान्य सीटें हैं।
कोल्हान की 14 विधानसभा सीटों में से 12 पर झामुमो और एक सीट कांग्रेस के खाते में है। एक सीट पर निर्दलीय का कब्जा है। बात करें शहरी विधानसभा सीटों की तो एक पर कांग्रेस के बन्ना गुप्ता तो दूसरे पर निर्दलीय सरयू राय काबिज हैं।
चंपाई की होगी लॉन्चिंग, कोल्हान का बनेंगे चेहरा
पीएम मोदी के कोल्हान दौरे के मायने को लेकर पॉलिटिकल एक्सपर्ट आनंद कुमार कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोल्हान दौरे पर आ रहे हैं। कार्यक्रम सरकारी जरूर है, लेकिन रोड शो और सभा के माध्यम से चंपाई की लॉन्चिंग की जाएगी। भारतीय जनता पार्टी कोल्हान की 14 सीटों पर चंपाई सोरेन के बूते चुनाव लड़ना चाहती है। ऐसे में चंपाई ही भाजपा के लिए कोल्हान में बड़ा चेहरा होंगे।
हालांकि, वे यह भी कहते हैं कि पीएम मोदी के इस कार्यक्रम का विशेष लाभ होगा, ऐसा नहीं लगता है। वे ऐसा इसलिए बताते हैं, क्योंकि लोकसभा चुनाव के दौरान भी वे कोल्हान आए थे। न केवल कोल्हान बल्कि सभी आदिवासी/रिजर्व सीटों पर सभा की थी पर एक भी सीट जीता पाने में वे सफल नहीं रहे।
चुनाव में लाभ मिले या नहीं पार्टी के भीतरी बिखराव होगा कम
आनंद कुमार यह भी कहते हैं कि झारखंड भाजपा राज्य में जिन मुद्दों को उठा रही है। अगर ये मुद्दे पीएम कल की सभा में उठाते हैं तब भी कोई लाभ नहीं मिलने जा रहा है। क्योंकि कोल्हान की 14 सीटों में से 11 पर JMM तो दो सीटों पर कांग्रेस काबिज है। ऐसे में मुझे नहीं लगता कि वे JMM या हेमंत सोरेन पर कोई सीधा हमला करेंगे। संभव है कि वे कांग्रेस को आड़े हाथों लें।
हालांकि, आनंद कुमार यह बात जरूर कहते हैं कि विधानसभा चुनाव में लाभ मिले न मिले पर भाजपा जिस तरह बिखरी हुई है। खासकर कोल्हान से जब चार पूर्व सीएम (अर्जुन मुंडा, रघुवर दास, मधु कोड़ा, चंपाई सोरेन) साथ हैं तो इस बिखराव के कम होने का फायदा हो सकता है।
दौरे का दिखेगा असर, भाजपा लाएगी 60 से 65 सीट
हालांकि भाजपा पीएम के इस दौरे को बेहद खास बता रही है। भाजपा जिला अध्यक्ष सुधांशु ओझा कहते हैं कि पीएम के इस दौरे से पॉजिटिव लाभ मिलेगा। जनता का वोट बढ़ेगा। पार्टी मजबूत होगी। निश्चित रूप से इसी भाव के साथ पीएम नरेंद्र मोदी आ रहे हैं।
वे कहते हैं कि लोकसभा चुनाव के दौरान वे तांब्रनगरी में आए थे आज लौह नगरी आ रहे हैं। 2024 के विधानसभा चुनाव का शंखनाद इसी लौहनगरी से होने जा रही है। विधानसभा चुनाव पर पीएम के दौरे का क्या असर होगा?
इस सवाल के जवाब पर कहते हैं कि इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की लहर आने वाली है। वे इस बात का दावा करते हैं कि इस विधानसभा चुनाव में भाजपा 60-65 सीट लाएगी और बहुमत की सरकार बनाएगी।
किसी को करें लॉन्च, बीजेपी का सूपड़ा साफ होना तय
झारखंड कांग्रेस प्रदेश महासचिव पंडित विजय खां का इस दौरे को लेकर मानना है कि यह इवेंट मैनेजमेंट है। पीएम नरेंद्र मोदी चंपाई सोरेन को लॉन्च करने आ रहे हैं। इससे पहले वे बाबूलाल मरांडी को लॉन्च किए, अर्जुन मुंडा को लॉन्च किए, मधु कोड़ा को लॉन्च किए।
कांग्रेस प्रदेश महासचिव कहते हैं कि इस आयोजन से पैसे की बरबादी है। आम लोग तो परेशान हो ही रहे हैं। इनका होने वाला शो फ्लॉप शो है। वे कहते हैं कि पीएम मोदी चंपाई को लॉन्च कर लें या किसी और को कर लें झारखंड से बीजेपी का सुपड़ा साफ होने वाला है। इसकी बानगी लोकसभा में देखने को मिल गई है अब अगले दो महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं, वहां भी देखने को मिल जाएगा।
भाजपा कोल्हान में वाकई है कमजोर?
कोल्हान टाइगर के नाम से मशहूर चंपाई सोरेन के भाजपा में शामिल होने अब पीएम मोदी का कोल्हान आने के कार्यक्रम को राजनीतिक जानकार भाजपा का बड़ा कदम बताते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि भाजपा कोल्हान में वाकई कमजोर है?
इस सवाल का जवाब 2019 के विधानसभा चुनाव के परिणाम से मिल जाता है। एक नजर में कोल्हान की 14 सीटों में से भाजपा के हाथ एक भी नहीं आना यह जरूर बताता है कि भाजपा कोल्हान में कमजोर है, लेकिन जब इस परिणाम को गौर से देखेंगे तो पाएंगे कि ऐसा नहीं है।
2019 के चुनावी परिणाम के आंकड़े बताते हैं कि कोल्हान में भाजपा उतनी कमजोर भी नहीं है, जितना महागठबंधन के नेता बताते हैं। जबकि सच्चाई यह है कि आधे से अधिक सीट पर भाजपा दूसरे नंबर पर रही थी। ऐसे में इन सीटों को लेकर भाजपा खुद को आश्वस्त मान रही है।
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