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रांची में फर्जी दस्तावेज तैयार कर करीब 18 सौ एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री की गई। इसके लिए 1932 के सर्वे रिकार्ड में बड़े पैमाने में फर्जीवाड़ा किया गया है। जमीन फर्जीवाड़े के जरिए तीन हजार करोड़ से अधिक की मनी लाउंड्रिंग की गई। इसका खुलासा केंद्रीय राजस्व मंत्रालय की रिपोर्ट से हुआ है। यह रिपोर्ट राज्य में जमीन घोटाले के अलग-अलग मामलों की ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की जांच में आए तथ्यों के आधार पर तैयार की गई है।
रिपोर्ट में क्या-क्या
ईडी की कार्रवाई का जिक्र करते हुए रिपोर्ट में बताया गया है कि रांची में सेना की जमीन समेत कई बेशकीमती जमीनों पर प्रभावशाली लोगों ने अवैध तरीके से कब्जा किया था। इसमें जमीन की रजिस्ट्री से जुड़े अफसरों और भू-राजस्व विभाग के अफसरों की भूमिका रही थी। ईडी ने जांच में पाया कि कुछ नौकरशाहों की मदद से इस घोटाले में राजनेताओं की भी संलिप्तता रही। कोलकाता में रजिस्ट्रार ऑफ एश्योरेंस और अंचल अधिकारी के कार्यालयों में दस्तावेजों में हेरफेर की गई। ईडी ने जांच के दौरान कई जगहों पर सर्वे और सर्च किया, जिसमें यह खुलासा हुआ कि 1932 के लैंड रिकार्ड में भी व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी की गई है।
3 हजार करोड़ की मनी लाउंड्रिंग
मनी लाउंड्रिंग के करीब 263 करोड़ रुपये जब्त केंद्रीय राजस्व विभाग ने बताया है कि जमीन घोटाले के जरिए 3000 करोड़ की मनी लाउंड्रिंग की गई है, जिसमें करीब 263 करोड़ जब्त किए गए हैं। वहीं इन मामलों में 16 आरोपियों समेत तीन सरकारी अफसरों की गिरफ्तारी हुई है। बताया गया है कि 100 करोड़ कीमत की जमीन भी जब्त की गई है, उस केस में आरोप पत्र भी दायर हो चुका है।
महादेव ऐप से भी 1764.5 करोड़ की मनी लाउंड्रिंग
छत्तीसगढ़ के चर्चित महादेव ऐप के मामले में भी बताया गया है कि इस ऐप के जरिए 1764.5 करोड़ की मनी लाउंड्रिंग की गई। बताया गया है कि महादेव ऐप के मामले में भोपाल, मुंबई, कोलकाता जैसे शहरों में भी छापेमारी हुई है।
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