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गाजे बाजे और राजसी ठाठ बाट से निकली राम रेवाड़ियां।
जलझूलनी एकादशी पर शनिवार को शहर में गाजे-बाजे और राजसी ठाठ बाठ के साथ राम रेवाड़िया निकाली गई। शाही रेवाड़ी के पीछे ही सभी रेवाड़ियां जयकारे लगाते हुए चले। गेपसागर की पाल पर बड़ी संख्या में सनातन धर्म प्रेमियों ने रेवाड़ियों की आरती उतारी।
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जलझूलनी एकादशी पर रामरेवाड़ियों के साथ उत्सव का माहौल रहा। शहर में जूना महल के पास स्थित भीष्मस्वामी मंदिर, राणी मंदिर से शाही रेवाड़ी के साथ शोभायात्रा शुरू हुई। वखारिया चौक स्थित आपाबाई मंदिर से खड़ायता समाज की रेवाड़ी, सुरमो का चौक के मुरलीधरजी मंदिर की रेवाड़ी फौज का बड़ला में शामिल हुई। रणछोड़जी मंदिर की रेवाड़ी व घाटी लक्ष्मीनारायण मंदिर से चौबीसा समाज की रेवाड़ी भी पहुंची।
शोभायात्रा देखने उमड़े शहरवासी।
माणक चौक से लक्ष्मीवरजी मंदिर, सोनिया चौक में भावसारवाड़ा राधाकृष्ण मंदिर से निकली रेवाड़ी और नगरपरिषद् के पास नागर मंदिर से विक्रमरायजी की रेवाड़ी शोभायात्रा में शामिल हुई। गाजे बाजे के साथ निकली शोभायात्रा गेपसागर की पाल पहुंची। रास्ते में जगह-जगह दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ रही। श्रीराम- जय -जय राम के जयकारे गूंजते रहे। शोभायात्रा के पाल पर पहुंचने पर विभिन्न समाज जनों ने आरती उतारी। इसके बाद राम-रेवाड़िया वापस देवालयों के लिए रवाना हुई।
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