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Canada: कनाडा में धार्मिक सद्भाव खतरे में है जिसकी तस्दीक हाल की कुछ घटनाएं करती हैं. कनाडा में हाल ही में खालिस्तानी समर्थकों ने इकट्ठा होकर ‘कनाडा के हिंदू वापस जाओ’ जैसे नारे लगाए. खालिस्तानी समर्थक वार्षिक भारत दिवस परेड (annual India Day Parade) स्थल पर एकत्र हुए थे.
वार्षिक भारत दिवस परेड (annual India Day Parade) स्थल पर इस कार्यक्रम का आयोजन 18, अगस्त 2024 को अलगाववादी समूह सिख फॉर जस्टिस (SFJ) ने किया था. इस घटना से कुछ दिन पहले ही कनाडा में कुछ पोस्टर दिखाई दिए थे जिनमें खालिस्तानी और कनाडा के हिंदुओं को एक-दूसरे के विरुद्ध दिखाया गया था.
हिंदुओं को मिला विपक्षी नेता का साथ
कनाडा में खालिस्तानियों के निशाने पर आए हिंदू समुदाय को विपक्ष के नेता और कंजरवेटिव पार्टी के नेता पिएरे पोलिवरे (Pierre Marcel Poilievre) का साथ मिला है. पिएरे पोलिवरे ने हिंदुओं के खिलाफ लगाए गए नारों पर आपत्ति जताई और खालिस्तानी समर्थकों के कृत्य की कठोर शब्दों में निंदा की. पिएरे पोलिवरे ने कहा, ‘कनाडा में किसी भी धर्म और संप्रदाय के खिलाफ इस तरह की गतिविधि को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.’
क्या बोले पिएरे पोलिवरे?
शुक्रवार (13 सितंबर) को पिएरे पोलिवरे ग्रेटर टोरंटो एरिया में मीडिया से मुखाबित हुए. इस दौरान उन्होंने कहा, ‘हिंदुओं को पूजा करने, अपने परिवार का पालन-पोषण करने और बिना किसी डर या धमकी के शांति से कनाडा में रहने का पूरा अधिकार है.’ इससे पहले भी उन्होंने हिंदुओं का समर्थन करते हुए कहा था कि कनाडा के विकास में हिंदुओं का भी अहम योगदान रहा है.
जस्टिन ट्रूडो पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर भी पिएरे पोलिवरे ने निशाना साधा. पोलिवरे ने कहा, ‘काफी बुरा लगता है कि कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हमारे देश के लोगों को विभाजित कर दिया है. हम सभी इस देश में साथ-साथ रहे है लेकिन अब हर कोई नफरत से भरकर एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहा है. जरुरत है कि हम लोगों की आस्था, परिवारों की स्वतंत्रता और देशभक्ति से सभी को एक साथ लाएं.’
हिंदू चैंबर ऑफ कॉमर्स ने भी जताई नाराजगी
कनाडाई हिंदू चैंबर ऑफ कॉमर्स ने भी विपक्ष के नेता पिएरे पोलिवरे के बयानों का समर्थन किया. चैंबर के अध्यक्ष कुशाग्र दत्त शर्मा ने कहा, ‘कनाडा में रह रहे हिंदू भी देश का अभिन्न अंग हैं. बिना किसी भेदभाव और दबाव के हम लोगों को भी पूरी स्वतंत्रता के साथ अपना जीवन जीने और अपनी मान्यताओं का पालन करने का अधिकार है.
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