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इंदौर के खजराना गणेश मंदिर का मास्टर प्लान बन गया है। अभी मंदिर कैम्पस 8.5 एकड़ का है, इसमें नए प्रोजेक्ट से 18 एकड़ जमीन और जोड़ दी जाएगी। सिंहस्थ-2028 के पहले यह मंदिर परिसर 26.5 एकड़ का हो जाएगा। नए प्लान में मंदिर के पुराने स्वरूप से छेड़छाड़ किए बिना
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प्लान के अनुसार अन्न क्षेत्र, शेड के साथ ही मंदिर का शिल्प नागर शैली में विकसित किया जाएगा। कलेक्टर आशीष सिंह और मंदिर प्रबंध समिति ने इसे प्रारंभिक मंजूरी दी है। प्लान में नया भव्य प्रवेश द्वार बनाया जाएगा,सुविधाजनक पार्किंग, छायादार पेड़ और रोटरी बनेगी। पहले से बने मार्ग यथावत रहेंगे। संस्कृति के साथ प्रकृति का भी ध्यान रखा जाएगा। स्थानीय वातावरण के हिसाब से पेड़-पौधे लगाए जाएंगे।
मंदिर प्रांगण में 10 हजार वर्ग फीट पर सुविधा केंद्र रहेगा। जिसमें क्लॉक रूम, विश्राम गृह, फीडिंग रूम, डे केयर रूम के साथ प्राथमिक उपचार कक्ष भी बनेगा। पहले से बनी हुई प्रसाद दुकानों के ऊपर नया शेड बनेगा, जो बारिश और धूप से भक्तों को बचाएगा। मंदिर के आगे एक विशाल भवन का निर्माण होगा, जिसमें महाकाल की तर्ज पर रैम्प भी बनेगा। इससे दिव्यांग, बुजुर्ग और बच्चे भी आसानी से मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे। दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए विशेष मार्ग बनेगा।
सौंदर्यीकरण के बाद कुछ ऐसा नजर आएगा खजराना गणेश मंदिर।
20 करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार खजराना गणेश मंदिर के नवीनीकरण और सौंदर्यीकरण पर 20 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि खर्च होने का अनुमान है। वास्तविक खर्च के बारे में अभी अनुमान लगाया जा रहा है। प्रबंध समिति की अगली बैठक में इस राशि के बारे में अंतिम निर्णय लिया जाएगा। मास्टर प्लान पर होने वाले खर्च को मंदिर में आने वाली दान राशि और भक्तों के सहयोग से पूरा किया जाएगा। जिला प्रशासन ने एक्सपर्ट की मदद से यह प्लान तैयार करवाया है, जिसे जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा और लोगों के सुझाव भी बुलाए जाएंगे।
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