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पंजाब से कार में सवार होकर सालासर जा रहे 6 लोगों की अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेस वे पर जैतपुर टोल नाके के पास सड़क हादसे में मौत हो गई थी। इस बड़ी दुर्घटना को सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी ने गंभीरता से लिया और राज्य सरकार को इसकी जांच करवाने के निर्देश
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रिपोर्ट सौंप दी गई है इसमें कहा गया है कि एक्सप्रेस वे पर कई जगह ढलान के बाद चढ़ाई है जो कार में सवार लोगों की मौत का कारण बनी। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे हादसे रोकने के लिए सुझाव भी मांगे थे। वह भी दे दिए गए हैं मगर हादसे के लिए जो जिम्मेदार हैं उनपर कार्रवाई को लेकर कोई बात नहीं की जा रही।
पंजाब निवासी शिवकुमार गुप्ता का परिवार कार में सवार होकर चूरू में सालासर जा रहा था। कार में उनकी पत्नी आरती देवी, पुत्र नीरज, पुत्रियां खेमन, सुनैना व भूमि सवार थीं। अमृतसर-जामनगर ग्रीन एक्सप्रेस वे पर महाजन थाना क्षेत्र में जैतपुर टोल नाके के पास 18 जुलाई की रात को करीब 8 बजे चावल की बोरियों से भरे ट्रक ट्रेलर में पीछे से कार भिड़ गई। भिड़ंत इतनी जोरदार थी कि कार में सवार सभी छह लोगों की मौत हो गई और पूरा परिवार ही खत्म हो गया। इस बड़ी दुर्घटना को सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी ने गंभीरता से लिया और राज्य सरकार को इसकी जांच करवाने के निर्देश दिए थे।
यह भी कहा गया कि दुर्घटना का कारण और ऐसे हादसे कैसे रोकेंगे, इसकी रिपोर्ट भेजी जाए। उसके बाद जिला कलेक्टर एवं मजिस्ट्रेट नम्रता वृष्णि ने एडीएम प्रशासन, एएसपी ग्रामीण, एसई पीडब्ल्यूडी, एनएचआई परियोजना निदेशक, सीएमएचओ व अतिरिक्त प्रादेशिक परिवहन अधिकारी का जांच दल बनाया। इस जांच दल ने एक्सप्रेस वे पर जाकर बारीकी से जांच की। सामने आया कि अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेस वे पर हनुमानगढ़ से आने वाली रोड पर कई जगह ढलान के बाद चढ़ाई शुरू हो जाती है।
दुर्घटना वाली जगह चढ़ाई ठीक ऊपर की ओर है। जिससे ट्रक की स्पीड चढ़ाई के कारण कम हो गई और उसके पीछे चल रही छोटी कार की स्पीड अनवरत तेज रही। कार व ट्रक एक ही लेन में होने और दोनों की स्पीड में अंतर होने के कारण दुर्घटना हुई। इसके अलावा ट्रक चालक का अपनी निर्धारित लेन में नहीं चलना, रिफ्लेक्टिंग टेप नियमानुसार नहीं होना, बैक लाइट जाली से ढंकी थी, कार की स्पीड भी तेज होना दुर्घटना के कारण रहे।
जांच दल ने एक्सप्रेस वे की पूरी स्थिति का आकलन कर दुर्घटनाओं के संभावित कारण और उन्हें रोकने के सुझाव देते हुए रिपोर्ट तैयार की जो सुप्रीम कोर्ट कमेटी को भेजी गई है। राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट कमेटी को रिपोर्ट भेजकर इतिश्री कर ली, लेकिन जिस कारण से पूरा परिवार खत्म हो गया उसके जिम्मेदारों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। एक्सप्रेस-वे पर खामियां छोड़ने और लापरवाही करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की जानी चाहिए।
जांच दल ने एक्सप्रेस वे पर बताईं खामियां जिनसे हो सकते हैं हादसे
1. यह राजमार्ग 6 लेन है जिस पर ले-बाय नहीं है। वाहनों की पार्किंग तय नहीं होने के कारण चालक हाई-वे पर ही खड़े कर देते हैं। 2. सुविधाएं नहीं हैं जिससे स्थानीय लोगों ने हाई-वे के किनारे अवैध ढाबे बना रखे हैं। चालक वहां गाड़ी रोककर आराम करते हैं। 3. ओवरस्पीड को रोकने के लिए कोई सिस्टम नहीं है। 4. चालक शराब और मादक पदार्थों का सेवन कर गाड़ी चलाते हैं जिन्हें जांचने वाला कोई नहीं। 5. निरीक्षण के दौरान एक्सप्रेस-वे पर पशु भी घूमते मिले। 6. आम वाहन चालक राय रखता है कि एक्सप्रेस वे पर गढ्ढ़े नहीं होंगे, लेकिन निरीक्षण में अनेक स्थानों पर गढ्ढ़े मिले। रीड़ी, मिट्टी, डामर बिखरा मिला। 7. एडवांस ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम नहीं है। 8. एक्सप्रेस वे पर रात को घनघोर अंधेरा रहता है।
ये सुझाव भी दिए
1. हाईवे पर गड्ढों का सुधार समय-समय पर सड़क की मूल प्रोफाइल एवं लेवल के अनुसार ही किया जाना चाहिए। 2. निराश्रित जानवर नहीं आ सके, इसकी पुख्ता व्यवस्था होनी चाहिए। 3. वाहनों की गति सीमा निर्धारित कर चैक की जानी चाहिए। 4. एक्सप्रेस वे पर गढ्ढ़े, मिट्टी, डामर, कच्चा माल बिखरा होना देश में ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छवि बिगाड़ता है। इसमें जीरो टाेलरेंस की नीति अपनाई जानी चाहिए। 5. एक्सप्रेस- वे पर रोशनी की व्यवस्था की जाए। 6. वाहनों की चेकिंग के लिए समुचित प्रणाली हो जिसमें ई-चालान, कैमरों से गति का पता लगाना, दस्तावेज, टैक्स व अन्य अपराधों के बारे में पता चल सके।
“अमृतसर-जामनगर एक्सप्रेस वे पर छह लोगों की मौत की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट कमेटी को भेज दी गई है। एक्सप्रेस वे पर खामियां और उन्हें दुरुस्त करने के सुझाव राज्य सरकार को भेजे गए हैं।” – नम्रता वृष्णि, कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट
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