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धौलपुर जिले में मानसून सक्रिय होने के बाद अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है। जिसमें पिछले 48 घंटे की बारिश में हुई तीन मौतें भी शामिल हैं। 48 घंटे तक लगातार हुई बारिश ने जिले में भारी तबाही मचाई है। जगह-जगह हो रहे जलभराव से 136 मकान, झोपड़ी और दीवारें
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पिछले दो दिन से आसमान से बरस रही आफत की बारिश की थम जाने के बाद बाढ़ के हालात लोगों के लिए मुसीबत बने हुए हैं। जिले में बीते 48 घंटे में सबसे ज्यादा नुकसान सैंपऊ और बसेड़ी में देखने को मिला है। पार्वती नदी में आए उफान के बाद सैंपऊ के 23 और बसेड़ी के 7 गांव प्रभावित हुए हैं। इनके साथ बाड़ी क्षेत्र के 11 गांव का संपर्क कट चुका है। सैंपऊ और मनियां क्षेत्र की पांच रपट पर अभी भी पार्वती बांध का पानी बह रहा है। पार्वती नदी के अलावा उर्मिला सागर बांध का पानी निकालने के लिए प्रशासन को धौलपुर-करौली हाईवे को 80 मीटर तक तोड़ना पड़ा। जिसके बाद उर्मिला सागर का पानी विभिन्न गांव के रास्ते शहर की पचगांव चौकी तक पहुंच गया है। जिले में बाढ़ जैसे हालात देखते हुए प्रभारी सचिव पी. रमेश के साथ जिला कलेक्टर श्रीनिधि बीटी और एसपी सुमित मेहरड़ा लगातार बाढ़ प्रभावित वाले क्षेत्र में पहुंचकर लोगों की मदद कर रहे हैं।
48 घंटे में प्रशासन द्वारा अलग-अलग जगह रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर 257 लोगों को जलभराव वाले क्षेत्र से निकालकर सुरक्षित जगह पहुंचाया गया है।
पिछले 48 घंटे में प्रशासन द्वारा अलग-अलग जगह रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर 257 लोगों को जलभराव वाले क्षेत्र से निकालकर सुरक्षित जगह पहुंचाया गया है। बाढ़ प्रभावित लोगों को उनके पास के ही स्कूल और पड़ोसियों के मकान में शिफ्ट कर भोजन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। ग्रामीण क्षेत्र के साथ 48 घंटे की बारिश से धौलपुर शहर के लोग भी खासे परेशान हैं। बारिश के थमने के बाद भी शहर की करीब दो दर्जन कॉलोनियां पानी में डूबी हुई हैं।
मानसूनी सीजन में अब तक 26 की मौत इस साल मानसूनी सीजन में मकान दीवार गिरने, मगरमच्छ द्वारा खींचकर ले जाने, नदी, एनीकट, तालाब और पोखर में डूबने के साथ करंट की चपेट में आने से अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है। जिसमें सबसे अधिक 7 मौतें मनियां क्षेत्र के लोगों की हुई हैं। इसके अलावा बाड़ी में 5, सरमथुरा में 4, सैंपऊ में 4, धौलपुर में 3, बसेड़ी में 2 और राजाखेड़ा में एक की मौत हुई है।
11 गांव की सड़क का कटा संपर्क बारिश के चलते आई बाढ़ की वजह से 11 गांव का सड़क मार्ग से संपर्क कट चुका है। जिले के सदापुर, दारापुर, जारह, बरसला, गन्हेदी, बाबरपुर, जोनाबाद, देवखेड़ा, साला, बिडार और कछियारा गांव का संपर्क सड़क मार्ग से कटा हुआ है। जहां एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम लोगों की मदद में जुटी है।
136 मकान, झोपड़ी और दीवार क्षतिग्रस्त पिछले 48 घंटे में जिले में हुई बारिश की वजह से अभी तक 131 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। वहीं तीन झोपड़ी और दो दीवार टूटकर गिर चुकी हैं। जिन हादसों में दो लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 17 लोग घायल हुए हैं। जलभराव की वजह से अभी तक 9 पशुओं की भी मौत हो चुकी है। जिन्हें प्रशासन द्वारा आर्थिक सहायता मुहैया कराई जा रही है।
उर्मिला सागर बांध का पानी निकालने के लिए धौलपुर-करौली हाईवे एनएच 11 को तोड़ा गया।
धौलपुर करौली हाईवे मार्ग तोड़ा बारिश की वजह से जहां उर्मिला सागर बांध का पानी निकालने के लिए धौलपुर-करौली हाईवे एनएच 11 को तोड़ा गया है, तो वहीं आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 पर मनियां कस्बे में जलभराव की वजह से सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। जिनमें वाहनों के फंसने से लंबा जाम लगा हुआ है। जिसे खुलवाने के लिए दिन और रात पुलिस को मशक्कत करनी पढ़ रही है।
जलभराव से मकान के गिरने की आशंका बारिश की वजह से धौलपुर जिले की दो दर्जन से अधिक कॉलोनी में जलभराव है। कॉलोनियां पूरी तरह से पानी में डूबी हुई हैं। शहर का ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त नहीं होने की वजह से नगर परिषद भी पानी को निकालने में विफल रहा है। लंबे समय से शहर में हो रहे जलभराव को लेकर लोगों ने बीते दिनों विधायक और सांसद की शव यात्रा निकाली थी। दो दिन तक हुई बारिश के बाद कॉलोनी में जलभराव की वजह से हालात बद से बदतर हो गए हैं।
लोगों की मदद के लिए सेना के 71 जवान जुटे धौलपुर जिले में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम पहले से ही काम कर रही है। जिले में बेकाबू होते हालात को देखकर जयपुर और भरतपुर से सेना के 71 जवान बुलाए गए हैं। जिला प्रभारी सचिव पी रमेश, जिला कलेक्टर श्रीनिधि बीटी और एसपी सुमित मेहरड़ा खुद बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पहुंचकर लोगों की मदद में जुटे हैं।
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