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नमकीन
– फोटो : अमर उजाला।
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हाथरस जिले में नमकीन पर जीएसटी की दर को 18 फीसदी से घटाकर 12 फीसदी कर दिया गया है। इससे दो साल से जीएसटी कम करने की लड़ाई लड़ रहे कारोबारियों को राहत मिली है, लेकिन पूर्व में किए गए कारोबार पर कर के अंतर को ब्याज और जुर्माना सहित देने के निर्णय ने उनकी चिंता बढ़ा दी है।
कारोबारियों का कहना है कि उन्होंने पूर्व में 12 फीसदी की दर से खरीदारों से कर लिया था, अब उसके और पूर्व ब्याज दर 18 फीसदी के अंतर यानी छह फीसदी कर को ब्याज और जुर्माने के साथ जमा करने का निर्णय गलत है। इससे उनकी परेशानी बढ़ेगी। उन्होंने पार्टी से कम दर पर कर लिया था, ऐसे में यह निर्णय आधा-अधूरा है। दो साल बाद भी नमकीन पर जीएसटी की दर का विवाद पूरी तरह से सुलझ नहीं पाया है।
वर्ष 2022 में तले हुए उत्पादों को नमकीन से अलग विशेष उत्पाद बताकर 18 फीसदी जीएसटी लगाया गया था। नमकीन की जीएसटी दर 12 फीसदी ही थी। कारोबारियों ने कहा कि यह भी नमकीन ही है, इसकी अलग से जीएसटी दर नहीं होनी चाहिए। इस मांग को मान लिए जाने से अब स्थिति साफ हो गई है, भविष्य में किए जाने वाले व्यापार में राहत मिलेगी। पुराना माल बेचे जाने के दौरान उन्होंने 12 फीसदी कर थोक विक्रेता से वसूला है। ऐसे में अब वह 18 फीसदी की दर से कर का भुगतान कैसे करेंगे, इसे माफ किया जाना चाहिए था।
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