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बृहद झारखंड कला सांस्कृतिक मंच बोकारो द्वारा गुरूवार को करम महोत्सव डहरे करम बेड़हा का आयोजन किया। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ आकर्षक झांकियों के साथ करम शोभायात्रा निकाली गई। जो जगरनाथ महतो चौक आईटीआई मोड़ चास से नया मोड़ बिरसा चौक तक पहुंची, जहां करम आखड़ा में तब्दील हो गई। इस अवसर पर हजारों की संख्या में करमैती बहनों संस्कृति प्रेमियों ने लिया। पारंपरिक बेषभूषा के साथ सभी मांदर की थाप पर करम गीतों की धुन पर गाते – थिरकते सभी चल रहे थे। इस अवसर पर पारंपरिक बाद्ययंत्रों , ढोल, मांदर, नगाढ़ा के साथ निकली भव्य करम रैली की बिशाल भीड़ के साथ आईटीआई मोड़ चास से निकली, नयामोड़ के बिरसा चौक में बिरसा मुंडा के माल्यार्पण के साथ समापन हुआ।
बिरसा चौक में लगा आखड़ा – डहरें करम बेड़हा बिरसा चौक पहुंच कर आखड़ा में तब्दील हो गई. इस अवसर पर पर हजारों की संख्या में करमैती बहनों नें टोली बनाकर करम नृत्य किया। इस अवसर पर पर झूमर गायक राजदूत महतो, गोविंद महतो, बिकास महतो, सायमनि महतो सहित झाड़ग्राम पं. बंगाल से आई टीम ने करम गीत प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर मंच के संयोजक जिप सदस्य राजेश महतो ने कहा कि करम परब झारखंड की समृद्धिशाली सांस्कृतिक त्योहार है। इस सांस्कृतिक बिरासत को बचाने, उसके संरक्षण और संवर्धन के लिए हमेशा से मंच का प्रयास रहा है। झारखंड के मूलवासी हो या आदिवासी प्रकृतिपूजक रही है और अपनी सांस्कृतिक उत्सवों के साथ पारंपरिक जीवन शैली के साथ अपनी अनूठी पहचान को समेटे हुए है। इस संस्कृति में आखड़ा की परिपाटी रही है जहां झारखंड के लोग ढोल, नगाड़ों और मांदर की थाप पर थिरककर अपनी मां, माटी, मानुष और मातृभाषा के प्रति सम्मान प्रकट करते हैं। मंच नें इसे सांस्कृतिक आंदोलन के रूप में कार्यक्रम का आयोजन किया है। जो काफी सफल रहा।
इससे पूर्व फुसरो नगर के विनोद बिहारी महतो स्टेडियम करगली में तथा बेरमो अनुमंडल के नावाडीह में भव्य क्रम महोत्सव मनाया गया।
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