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शब्द : 517 – अगले दो वर्षों में 14,028 ई-बस खरीदने का लक्ष्य
नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता
सरकार द्वारा मंजूर की गई पीएम-ई ड्राइव योजना के तहत नौ शहरों में अगले दो वर्षों के भीतर 14,028 ई-बसें चलाई जाएंगी। ये बसें 40 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों का चयन किया गया है। भारी उद्योग मंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने गुरुवार का पत्रकारों से बातचीत में कहा, ई-बस के संचालन पर सरकार 4391 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इससे शहरों के अंदर प्रदूषण मुक्त बेहतर परिवहन सेवा मुहैया कराने में मदद मिलेगी।
मंत्री ने बताया कि पीएम-ई ड्राइव और पीएम-ईबस सेवा भुगतान सुरक्षा प्रणाली (पीएसएम) को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही अधिसूचना भी जारी होगी। यह योजना दो वर्ष के लिए होगी। उसके बाद आगे की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। ई-ड्राइव योजना की बात करें तो यह 10,900 करोड़ रुपये की है, जिसमें इलेक्ट्रिक एंबुलेंस को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। एंबुलेंस के क्या मानक होंगे और किस तरह की एंबुलेंस को योजना में शामिल किया जाए, इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ बात चल रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सुझाव पर ही एंबुलेंस के मापदंड निर्धारित किए जाएंगे। उसके बाद बसों पर 4391 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इन बसों का परिचालन दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, सूरत, बेंगलुरु, पुणे और हैदराबाद में किया जाएगा। इसी तरह से ई-ट्रक के परिचालन पर 500 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा। ई-ट्रक को लेकर भी अलग से नीति निर्धारित करने का काम चल रहा है।
सब्सिडी पर 3679 करोड़ रुपये खर्च होंगे :
योजना के तहत 24.79 लाख दो पहिया, 3.16 लाख तीन पहिया तथा ई-एंबुलेंस एवं ई-ट्रक की सब्सिडी पर 3679 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। कोई भी व्यक्ति सब्सिडी पर एक ही श्रेणी का इलेक्ट्रिक वाहन खरीद पाएगा। इसके लिए मंत्रालय के पोर्टल पर जाकर वाउचर जनरेट करना होगा, जो आधार से वेरीफिकेशन होने पर ही होगा। उसके बाद वाउचर पर डीलर और ग्राहक दोनों को हस्ताक्षर करने होंगे। उसके बाद वाउचर को पोर्टल पर अपलोड करके डीलर सब्सिडी के लिए आवेदन करेगा लेकिन ग्राहक को वाहन खरीदते वक्त ही एजेंसी पर सब्सिडी मिल जाएगी।
चार्जिंग स्टेशन बनाने पर भी बड़ा खर्च :
सरकार की ओर से कहा गया कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाना उनकी पहली प्राथमिकता है। इस पर सबसे ज्यादा पैसा उसका उप स्ट्रिम यानी ढांचा तैयार करने में खर्च होता है। क्योंकि विद्युत लाइन लाने और केबल डालने में काफी खर्चा आता है। इसलिए सरकार उप स्ट्रिम सेटअप पर 80 फीसदी धनराशि स्वयं खर्च करेगी। अगले दो वर्ष में चार पहिया वाहनों के लिए 22,100 फास्ट चार्जिंग प्वाइंट बनाने, ई-बस के लिए 1800 और दो पहिया व तीन पहिया इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए 48,400 चार्ज यूनिट लगाने का लक्ष्य रखा है। इस पर सरकार 2000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसी तरह से देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए नई तकनीक को विकसित करने के लिए टेस्टिंग एजेंसी पर 780 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
इस तरह दी जाएगी सब्सिडी
वाहन श्रेणी 2024-25 2025-26 वाहन का अधिकत्म मूल्य
दो पहिया 10000 5000 1.5लाख
ई-रिक्शा 25000 12500 2.5 लाख
तिपहिया 50000 25000 5.0 लाख
(आंकड़े रुपये में)
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