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जयपुर के राजकीय जयपुरिया हॉस्पिटल में आईसीयू वार्ड के बाहर रैंप पर टपकते पानी को फैलने से रोकने के लिए लगाई बाल्टियां और डस्टबिन।
जयपुरिया हॉस्पिटल में व्यवस्थाएं सुधरने के बजाए दिनों-दिन बिगड़ती जा रही है। बारिश से पूरे हॉस्पिटल परिसर में जगह-जगह पानी टपक रहा है। इससे बचने के लिए हॉस्पिटल में जगह-जगह बाल्टियां, डस्टबिन रखे जा रहे है, जिनमें छतों से टपकते पानी को फैलने से रोकने
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ऑपरेशन थिएटर, ट्रोमा सेंटर, लेबर रूम, रैंप, रजिस्ट्रेशन काउंटर] अधीक्षक ऑफिस के बाहर हर जगह छत से पानी टपक रहा है। वहीं कई जगह जहां एक से दो साल पहले निर्माण किया गया है वहां भी फॉल सिलिंग गिरने लगी है।
इमरजेंसी ट्रोमा सेंटर के पास एक्स-रे रूम के सामने फॉल सिलिंग जो पिछले दिनों गिर गई।
बारिश से पहले भले ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने यहां कई दौरे किए हो। एसीएस, स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त निदेशक, आरयूएचएव के वीसी डॉ. धनंजय अग्रवाल समेत कई आलाधिकारी यहां दौरा करके व्यवस्थाएं सुधारने के निर्देश दे चुके हो, लेकिन यहां व्यवस्थाएं सुधरने के बजाए दिनों-दिन बिगड़ती चली जा रही है।
लेबर रूम के बाहर लिफ्ट जो 15-20 दिनों से खराब है।
कई दिनों से लिफ्ट खराब, मरीज परेशान हॉस्पिटल परिसर में न केवल छत टपकने से मरीज और स्टाफ परेशान है, बल्कि लिफ्ट के खराब होने से भी। लेबर रूम के सामने बनी लिफ्ट पिछले 15-20 दिन से खराब है। इसे प्रशासन ने अब तक ठीक नहीं करवाया है। इस कारण मरीजों को रैम्प या सीढ़ियों से दूसरी मंजिल तक जाना पड़ता है।
विशेष योग्यजन श्रेणी के लोगों के लिए सर्टिफिकेट बनाने का काम यहां बोर्ड में होता है, लेकिन यहां पिछले 20 दिन से कोई डॉक्टर या स्टाफ नहीं बैठ रहा।
डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट के भटक रहे है लोग जो लोग डिस्टेलिटी श्रेणी में आ रहे है उन्हे प्रमाण पत्र बनवाने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। यहां बने बोर्ड के अधिकारियों को दूसरी जगह काम-काज में लगा दिया। इस कारण यहां इन श्रेणी के लोगों का न तो नया सर्टिफिकेट बन रहा और न ही रिन्यू हो रहा।
हॉस्पिटल अधीक्षक कक्ष के बाहर छत से टपकता पानी।
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