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मध्य प्रदेश में भारी बारिश के कारण राजगढ़ किले की बाहरी दीवार ढहने से 9 लोग दब गए। पड़ोसियों ने मलबे में से 2 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया, वहीं मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने 2 शव निकाले हैं। मलबे में दबे तीन बच्चों समेत 5 लोगों को निकालने का काम चल रहा है।
स्थानीय राहुल रजक ने बताया कि सुबह करीब साढ़े 3 बजे बहुत तेज आवाज आई। बाहर निकलकर तो देखा तो किले की दीवार गिर गई थी। हमने दो लोगों को तत्काल बाहर निकला और हॉस्पिटल भेजा। डॉयल 100 को फोन लगाया तो एक पुलिसकर्मी पहुंचा और लोगों को निकालने में मदद करने लगा।
मौके पर कलेक्टर संदीप मकीन, एसपी वीरेंद्र कुमार मिश्रा, कोतवाली टीआई धीरेंद्र मिश्रा और एसडीईआरएफ की टीम मौजूद है। पुलिस ने रोती-बिलखती महिलाओं और स्थानीय लोगों को शांत करवाया। लोगों ने रेस्क्यू की गति धीमी होने का आरोप लगाकर सुबह करीब 8 बजे हंगामा कर दिया। उनका कहना था कि मलबा हटाने में लापरवाही बरती जा रही है।
लोगों का कहना है कि सुबह 4 बजे से मलबा हटाया रहा है, लेकिन रेस्क्यू टीम एक भी आदमी को बाहर नहीं निकाल पाई है। यहां रास्ता काफी संकरा है। कोई भी बड़ा वाहन नहीं पहुंच पा रहा है। इस कारण रेस्क्यू में परेशानी आ रही है। गेट के मुहाने पर दो पोकलेन मशीन और एक जेसीबी आकर खड़ी है। उसे भीतर लाने के लिए बाहरी हिस्से की बांउड्री वॉल को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। लोग भी मलबा हटाने में जुटे हैं।
दतिया विधायक राजेंद्र भारती भी मौके पर पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं न घटें, इसकी तैयारी जिला प्रशासन को पहले से करके रखना चाहिए। हालात बिगड़े हुए हैं। अभी जो तैयारी है, वह नाकाफी हैं। शासन-प्रशासन से मांग है कि पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपये की तत्काल आर्थिक मदद की जाए। घायलों को इलाज के लिए दो-दो लाख की मदद की जाए। प्रशासन जल्द से जल्द मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाले।
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