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नई दिल्ली, एजेंसी। नागर विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू ने बुधवार को कहा कि भारत को वैश्विक विमानन केंद्र बनाने के साथ देश में विमानों का विनिर्माण शुरू करने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने इस क्षेत्र की वृद्धि के लिए तीन तत्वों बुनियादी ढांचे, एकीकरण और नवाचार पर जोर दिया। नायडू ने नागर विमानन पर दूसरे एशिया-प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र वैश्विक विमानन वृद्धि का नेतृत्व करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, मंत्रालय देश में निर्बाध विमानन परिदृश्य स्थापित करने के दृष्टिकोण पर काम कर रहा है। इसमें क्षेत्रीय संपर्क योजना उड़ान के अंतर्गत बड़े विमानों के साथ-साथ हेलिकॉप्टर और समुद्री विमान (सीप्लेन) संचालन को एकीकृत किया जा रहा है।
400 हवाई अड्डे बनाने की योजनाः
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि परिचालन वाले हवाई अड्डों की संख्या 2014 के 74 से बढ़कर अब 157 हो गई है। हमारे पास 2047 तक इसे 350-400 हवाई अड्डों तक बढ़ाने की महत्वाकांक्षी योजना है।
भारत विश्व के सबसे तेजी से बढ़ते नागर विमानन बाजारों में से एक है और घरेलू विमानन कंपनियों के बेड़े का आकार 2014 के 400 से बढ़कर अब लगभग 800 हो गया है। इसी अवधि में घरेलू यात्रियों की संख्या 6.7 करोड़ से बढ़कर अब 15.2 करोड़ हो गई। उन्होंने कहा कि देश घरेलू और अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन कंपनियों को लागत प्रभावी और उच्च गुणवत्ता वाली एमआरओ (रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल) सेवाएं प्रदान करने की अच्छी स्थिति में है।
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