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बेटा हर समय मोबाइल गेम खेला करता था तो मां कई बार टोकती और फिर यह सोचकर शांत रह जाती थी कि सयाना हो गया है, अपने मतलब की चीज देख रहा होगा। फायर फ्री गेम के लत का शिकार 17 साल का लड़का तीसरी मंजिल से कूद गया। घटना में उसकी मौत हो गई। मृतक आदित्य माहौर की मां के मुताबिक उसने एक बार यह सवाल भी किया था कि छत से गिरने पर कितनी चोट लगती है।
मुरैना शहर के बाहरी हिस्से में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवासीय कॉलोनी है। मिठाई की दुकान पर काम करने वाले एक किशोर ने इमारत की तीसरी मंजिल से कूद कर जान दे दी। यह बात उसके माता-पिता को तब पता लगी जब सुबह 5:00 बजे पड़ोस में रहने वाले एक युवक ने उन्हें बताया कि तुम्हारा बेटा छत से नीचे गिरा पड़ा हुआ है। किशोर के परिजन उसे आनन-फानन में जिला अस्पताल मुरैना लेकर पहुंचे लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी डॉक्टरों ने उसे गंभीर हालत में ग्वालियर रेफर कर दिया। ग्वालियर में उसकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि फ्री फायर गेम की वजह से उनके बेटे की जान गई है।
17 वर्षीय किशोर आदित्य माहौर बेंगलुरु में एक मिठाई की दुकान पर काम करता था। उसका पिता भी ब्रजेश माहौर वहां काम करता था। किशोर आदित्य मोबाइल पर हर समय गेम खेलता रहता था। वह फायर फ्री गेम का शौकीन था। वह जब मुरैना भी आता तो गेम खेलने में ही व्यस्त रहता। एक दिन खाना खाते समय उसने अपनी मां से पूछा कि जब कोई व्यक्ति तीसरी मंजिल से कूदता है तो उसे कितनी चोट लगती है। सुनकर उसकी मां ने उसे डांटा भी था और कहा था कि वह इस तरह की फालतू बातें क्यों कर रहा है। अब बेटे के छत से कूदने के बाद उन्हें बेटे के उस सवाल की वजह पता चली।
मृतक की मां के अनुसार बेटा 27 अगस्त को मुरैना आया था। बेटा घर आने की बहुत खुशी थी लेकिन वह कम बोलता था। अधिकतर समय मोबाइल पर गेम ही खेलता रहता था। मंगलवार को पूरी रात वह गेम खेलता रहा। सुबह 3:30 बजे उसके पास लेट गेम ही खेल रहा था। गेम खेलते-खेलते जब उसे नींद नहीं आई तो वह सुबह 4:00 बजे उठकर बिल्डिंग की छत पर चला गया था। वहीं से उसने छलांग लगा दी।
स्थानीय लोगों ने बताया कि इमारत की छत के चारों तरफ तीन फीट ऊंची दीवार है। किशोर की मौत के बाद पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराया। यहां मृतक के परिजन मौजूद थे, उन्होंने बताया कि किस तरह किशोर मोबाइल गेम की भेंट चढ़ गया।
रिपोर्ट- अमित गौर
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