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नई दिल्ली: अनुभव सिन्हा की वेब सीरीज ‘IC 814 कंधार हाईजैक’ इन दिनों सुर्खियों में है. आतंकियों के नाम और फिल्मांकन को लेकर बहस छिड़ गई है. डायरेक्टर तो डायरेक्टर, नेटफ्लिक्स तक लपेटे में है. बहरहाल, हम इस बहस से बचते हैं और उस IC 814 कंधार हाईजैक की कहानी पर चलते हैं. जब आतंकियों ने काठमांडु से उड़ान भरने वाली आईसी 814 फ्लाइट को हाईजैक किया तो उसमें 176 यात्री सवार थे. उस हाईजैक वाली फ्लाइट में 176 यात्रियों के बीच चुपके से एक धनकुबेर बैठा था. मगर इसकी भनक आतंकियों को जरा भी नहीं थी. अगर आतंकियों को उस वीआईपी यात्री की कुंडली की जानकारी होती तो वे सब एक झटके में मालामाल हो जाते. उन्हें भारत के सामने 200 मिलियन डॉलर के लिए गिड़गिड़ाने की नौबत भी नहीं आती.
जी हां, IC 814 वाली फ्लाइट में एक ऐसा हाईप्रोफाइल वीआईपी यात्री इकोनॉमी क्लास में बैठा था, जिसके बारे में विमान में मौजूद किसी भी शख्स को जानकारी नहीं थी. वह शख्स इतना अमीर था कि आतंकियों ने जितने रुपए की डिमांड भारत से की थी, वह एक झटके में चेक काटकर दे देता. IC 814 फ्लाइट में बैठे उस वीआईपी यात्री का नाम था- रॉबर्टो गियोरी. रॉबर्टो गियोरी नाम का एक स्विस-इतालवी बिजनेसमैन था. टाइम की रिपोर्ट की मानें तो वह उस वक्त स्विट्जरलैंड के सबसे अमीर आदमियों में से एक थे. रॉबर्टो गियोरी उस समय डी ला रू के मालिक थे, जो यूके की एक कंपनी है. उसका दुनिया के 90% करेंसी-प्रिंटिंग बिजनेस पर कंट्रोल था.
क्या करने काठमांडू गया था वह वीवीआईपी यात्री
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, जब काठमांडु से आईसी 814 फ्लाइट ने उड़ान भरी, तब गियोरी भी उस फ्लाइट में थे. रॉबर्टो गियोरी अपनी प्राटनर क्रिस्टीना कैलाब्रेसी के साथ काठमांडू में छुट्टियां मनाकर लौट रहे थे. वह तब दुनिया की सबसे बड़ी नोट छापने वाली कंपनी के मालिक थे. उनकी कंपनी तब 70 से अधिक देशों के नोट करेंसी को छापती थी. माना जाता है कि इस वीआईपी यात्री ने बातचीत के दौरान भारत पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी. वह भी इस विमान में अन्य यात्रियों के साथ 8 दिनों तक बुरे दौर से गुजरे थे. आतंकियों को उनके बारे में जरा भी भनक नहीं थी कि वह कौन हैं और वह कितने बड़े आदमी हैं.
तो आतंकी हो जाते मालामाल
रिपोर्ट की मानें तो इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी 814 आठ दिनों तक हाईजैकर्स के कब्जे में थी. आतंकियों ने यात्रियों की रिहाई के बदले भारत सरकार से 200 मिलियन डॉलर की मांग की थी. साथ ही मसूद अजहर समेत कई आतंकियों की रिहाई की मांग की थी. प्लेन में मौजूद उन आतंकियों को पता ही नहीं था कि इकोनॉमी क्लास में बैठे यात्रियों में से एक रॉबर्टो गियोरी भी थे, जो उन्हें इतनी राशि का चेक आसानी से लिख सकता था.
8 दिनों तक कब्जे में थी आईसी814
बता दें कि आईसी 814 फ्लाइट आठ दिनों तक आतंकियों के कब्जे में थी. आठ दिनों के बाद भारत ने आतंकियों की मांगों को मान लिया था और बंधक यात्रियों के बदले में तीन आतंकवादियों- अहमद उमर सईद शेख, मसूद अजहर और मुश्ताक अहमद जरगर- को रिहा कर दिया. रिहा किए गए आतंकवादियों में से एक मसूद अजहर ने बाद में जैश-ए-मोहम्मद का गठन किया, जो एक आतंकवादी संगठन है. मसूद अजहर 2019 के पुलवामा हमले का मास्टरमाइंड है. इतना ही नहीं, जैश-ए-मोहम्मद ने कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया है.
Tags: Flight Passenger, Netflix india, Plane accident
FIRST PUBLISHED : September 10, 2024, 08:56 IST
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