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पानी की टंकी से नीचे उतरते पति-पत्नी। मौके पर मौजूद नायब तहसीलदार व सीओ।
डीसी सहाब! नदबई पंचायत समिति में जनसुनवाई दौरान सामंतपुरा निवासी बेवा श्यामवती की गुहार पर वैर एसडीएम को जमीन की पैमाइश करने के दिए निर्देश की पालना होती, तो शायद मंगलवार को पीडित बेवा के पुत्र-पुत्रवधु को नगर रोड स्थित पानी टंकी पर चढऩा नही पड़ता।
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वैर एसडीएम की ओर से संभागीय आयुक्त के आदेशों को दरकिनार करने के चलते ही पीडित बेवा के पुत्र-पुत्रवधु को मजबूर होकर पानी की टंकी पर चढ़कर गुहार लगानी पडी। पीडित बेवा के पुत्र महेश सोलंकी व पुत्रवधु रूपकुमारी ने नदबई कस्बे में नगर रोड स्थित पानी की टंकी पर चढ़ कर विभागीय अधिकारी व दबंगों की मिलीभगत होने का आरोप लगाते हुए एक बार फिर पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों से न्याय दिलाने की गुहार की।
न्याय के लिए पानी की टंकी पर चढ़कर गुहार लगाने की सूचना पर प्रशासन में हड़कंप मच गया। नायब तहसीलदार दीपा यादव व पुलिस सीओ पूनम भरगढ़ ने मौके पर मौजूद बेवा सहित दूसरे पुत्र से बातचीत की। बाद में नायब तहसीलदार के जिला कलक्टर से दंपत्ति की मुलाकात कराने व तीन दिवस में पैमाइश कराने के आश्वासन पर करीब तीन घण्टे बाद पति-पत्नी को पानी की टंकी से नीचे उतारा गया।
नायब तहसीलदार के 3 दिन में पैमाइश कराने के आश्वासन पर उतरे
क्या है पूरा मामला:- गौरतलब है कि नदबई क्षेत्र के गांव सामंतपुरा निवासी बदन सिंह ने अपनी पत्नी श्यामवती के नाम से 13 अगस्त 2013 में साल पहले हलैना सरसैना मोड़ पर करीब 13 ईयर जमीन खरीदी। जिस पर दबंगों का कब्जा होने के चलते पीडित बेवा को जमीन पर अधिग्रहण नही मिला। पहले बदन सिंह व बाद में बेवा श्यामवती ने जमीन पर दबंगो का कब्जा होने व पैमाइश कराते हुए जमीन दिलाने की मांग करते हुए जिला प्रशासन के अधिकारी सहित मुख्यमंत्री जनसुनवाई दौरान शिकायत दर्ज की। लेकिन, अनदेखी के चलते पीडित बेवा विगत 11 साल से न्याय के लिए भटक रही। दैनिक भास्कर ने भी 9 अगस्त के संस्करण में साहब…दबंगों ने कर लिया खातेदारी जमीन पर कब्जा, 11 साल से न्याय को भटक रही हूं शीर्षक से बेवा की पीड़ा को प्रकाशित किया।
डीसी सहाब! आदेश की पालना होती तो ये टंकी पर नहीं चढ़ते
डीएम सहाब! क्या पानी की टंकी से ही सुनी जाती है न्याय की आवाज… जमीन की पैमाइश कराने एवं दबंगों से कब्जा दिलाने की मांग को लेकर नदबई में पानी की टंकी पर पति-पत्नी को चढऩे से एक बार फिर प्रशासन व आलाधिकारियों की कार्रवाई पर सवालिया निशान लग रहा। विगत आठ माह के दौरान अलग-अलग समस्याओं को लेकर पानी की टंकी पर चढऩे के आधा दर्ज मामले सामने आए।
कब-कब हुई घटनाएं
- 8 अगस्त : नदबई के गांव हंतरा में पानी निकासी की मांग करते हुए तीन युवक पानी की टंकी पर चढ़ गए।
- 19 जुलाई : भरतपुर में पढाई का खर्चा नही उठाने पर गांधीनगर सेवर निवासी युवती ने मथुरा गेट थाना क्षेत्र में पानी टंकी पर चढ़कर गुहार लगाई।
- 10 जुलाई : छात्रसंघ चुनाव की मांग करते हुए एबीवीपी व एनएसयूआई छात्र पानी की टंकी पर चढ़ गए।
- 29 जून : हलैना में सरकारी पोखर से अतिक्रमण हटाने की मांग करते 3 महिलाएं पानी की टंकी पर चढ़ गई। आश्वासन पर उतरीं।
- 5 जनवरी : पैंघोर निवासी राधेश्याम अनुकंपा नियुक्ति को लेकर जिला मुख्यालय स्थित पानी टंकी पर चढ़ा।
- 25 सितम्बर 2023 : युवक ने टंकी पर चढ़ते हुए अनुकंपा नियुक्ति की मांग की।
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