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हरियाणा विधानसभा चुनाव में पार्टी में बगावत और कांग्रेस से कड़ी चुनौती का सामना कर रही भाजपा की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। अपने ही अपनों के विरोध में उतर आए हैं। ताजा मामला हिसार का है, जहां भाजपा प्रत्याशी डॉ. कमल गुप्ता का समर्थन करने से पूर्व राज्यसभा सांसद सुभाष चंद्रा ने इनकार कर दिया है। सुभाष चंद्रा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट करके कमल गुप्ता का समर्थन करने से साफ इनकार करने की जानकारी साझा की है। चंद्रा ने गुप्ता से टेलीफोन पर हुई बातचीत की डिटेल भी साझा की है।
सुभाष चंद्रा ने पोस्ट में लिखा है कि हरियाणा विधानसभा के लिए हिसार से भाजपा प्रत्याशी से तीन दिन पहले मेरी फोन पर बातचीत हुई। इस पोस्ट में सुभाष चंद्रा ने कमल गुप्ता को उलाहना भी दिया। साथ ही, यह भी स्पष्ट कर दिया कि लोग उनके खिलाफ हैं और वे मदद नहीं कर सकते। भाजपा की मुश्किलें यहीं कम नहीं हुई।
दूसरी तरफ महेंद्रगढ़ सीट पर भी भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। पूर्व मंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता रामबिलास शर्मा ने वहां से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। भाजपा नेता शर्मा को जैसे ही पता चला कि उनका नाम टिकट की लिस्ट से बाहर है, उन्होंने समर्थकों की मीटिंग बुला ली। बैठक में उन्होंने कल दोपहर 1:15 बजे अपना नामांकन दाखिल करने ऐलान कर दिया। हालांकि नामांकन से पहले राम बिलास शर्मा 10 अपने आवास पर एक बार फिर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे। उसके बाद आगामी फैसला लेंगे। दूसरी लिस्ट में नाम न आने के बाद बैठक में कार्यकर्ताओं ने राम बिलास शर्मा को चुनाव लड़ने की सलाह दी है।
सुभाष चंद्रा ने ही कमल गुप्ता को पहली बार पहुंचाया था विधानसभा
साल 2014 के विधानसभा चुनावों में डॉ. कमल गुप्ता को पहली बार विधानसभा पहुंचाने में सबसे बड़ा योगदान सुभाष चंद्रा का ही रहा था। यह चुनाव सुभाष चंद्रा ने जिंदल परिवार के खिलाफ पूरी शिद्दत के साथ लड़ा था। उस समय सावित्री जिंदल ने कांग्रेस सरकार में मंत्री रहते हुए हिसार से लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ा था। भाजपा ने उनके खिलाफ डॉ. कमल गुप्ता को चुनावी मैदान में उतारा। सुभाष चंद्रा ने कमल गुप्ता के चुनाव की कमान अपने हाथों में ली थी।
इस चुनाव में चंद्रा की वजह से ही कमल गुप्ता सावित्री जिंदल को चुनाव हराने में कामयाब रहे थे। 2019 में कमल गुप्ता कांग्रेस के रामनिवास राड़ा को चुनाव हराकर फिर से विधानसभा पहुंचने में सफल रहे, लेकिन उन्हेांने सुभाष चंद्रा के साथ लगभग दूरी बना ली थी। अब सुभाष चंद्रा ने तो सोशल मीडिया के जरिये स्पष्ट कर दिया है कि वे इस बार किसी भी सूरत में कमल गुप्ता की मदद नहीं करेंगे।
भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेता रामबिलास शर्मा के फैसले पर निगाह
हरियाणा भाजपा के सबसे पुराने और दिग्गज नेता रामबिलास शर्मा का दावेदारों की सूची में नाम नहीं आने से आहत हैं। शर्मा पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष और कई बार कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। मौजूदा समय में वह हरियाणा में भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेता हैं। वह वर्ष 2019 का चुनाव हार गए थे। इस बार पार्टी की ओर से जारी दो सूचियों में महेंद्रगढ़ सीट पर नाम रोक दिया गया है। फिलहाल कार्यकर्ताओं के दबाव पर रामबिलास ने आज सुबह कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई है।
सोनीपत में राजीव और कविता जैन का अल्टीमेटम खत्म
सोनीपत में कांग्रेस से भाजपा में आए निखिल मदान को टिकट देने के विरोध में पूर्व मंत्री कविता जैन और उनके पति राजीव जैन ने मंगलवार शाम तक पार्टी को अल्टीमेटम दिया था, जिसका समय पूरा हो गया है। राजीव ने कहा कि वह 11 सितम्बर तक हाईकमान के फैसले का इंतजार करेंगे। उसके बाद कमेटी की मीटिंग होगी उसमें कमेटी की ओर से जो भी फैसला लिया जाएगा उसके अनुसार ही फैसला करेंगे।
(रिपोर्ट: मोनी देवी)
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