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रांची के बूटी मोड़ में बीटेक छात्रा से दुष्कर्म के बाद हत्या मामले के आरोपी राहुल राज की फांसी की सजा हाईकोर्ट ने बरकरार रखी है। जस्टिस आनंद सेन और जस्टिस गौतम चौधरी की अदालत ने सोमवार को राहुल राज द्वारा सजा के खिलाफ की गयी अपील खारिज कर दी।
अदालत ने माना कि यह एक जघन्यतम मामला है और सीबीआई कोर्ट द्वारा इसे रेयरेस्ट ऑफ रेयर केस मानते हुए मौत की सजा देना उचित है। रांची की सीबीआई कोर्ट ने इस मामले में राहुल राज को 20 दिसंबर 2019 को दोषी माना था और 21 दिसंबर 2019 को फांसी की सजा सुनाई थी। उल्लेखनीय है कि बीटेक छात्रा की हत्या 15 दिसंबर 2016 की रात की गई थी। इसे लेकर सदर थाने में 16 दिसंबर को केस दर्ज हुआ था। सीबीआई ने 28 मार्च 2018 को जांच संभाली। इसके बाद 13 सितंबर 2019 को आरोपी राहुल राज के खिलाफ जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल कर दी।
सजायाफ्ता राहुल राज नालंदा का रहनेवाला
सजायाफ्ता राहुल नालंदा के घुरा गांव का है। सितंबर 2016 में राहुल नालंदा से भागकर बूटी बस्ती पहुंचा था। राहुल रात में ऑटो चलाता था। वह बूटी बस्ती की लड़कियों पर नजर रखता था। घटना वाले दिन राहुल ने छात्रा को अकेला पाया तो उसके घर में घुस दुष्कर्म किया और हत्या के बाद शव को जला दिया था।
रामगढ़ में नौकरी करते थे बीटेक छात्रा के पिता
छात्रा मूलत: रांची के सिल्ली की रहने वाली थी। उसके पिता रामगढ़ में नौकरी करते थे और वर्ष 2005 में बूटी बस्ती में घर बनवाया था। उनकी दो बेटियां इसी घर में रहकर पढ़ती थीं। 15 दिसंबर को पिता बेटी को लेकर बूटी बस्ती पहुंचे और फिर रामगढ़ लौट गए। अगले दिन उन्हें बेटी की हत्या की सूचना मिली।
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