[ad_1]
दिल्ली में विधानसभा चुनाव के कुछ महीने पहले अचानक राष्ट्रपति शासन वाली चर्चा छिड़ गई है। 5 महीने से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल में बंद होने को संवैधानिक संकट बताते हुए भाजपा विधायकों ने एक ज्ञापन राष्ट्रपति को सौंपा था। अब कुछ मीडिया रिपोर्टस में बताया गया है कि राष्ट्रपति ने इस ज्ञापन को विचार के लिए गृह मंत्रालय को भेज दिया है। इसके बाद ‘आप’ और भाजपा के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता को उनके ज्ञापन के जवाब में बताया है कि इसे गृह सचिव को भेजा है। वह इस पर कानूनी राय लेने के बाद सलाह राष्ट्रपति को भेजेंगे। दिल्ली में नेता विपक्ष और भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि उन्हें 30 अगस्त को राष्ट्रपति से मुलाकात की थी और अपने ज्ञापन में कई मुद्दे उठाए थे। आगे देखना दिलचस्प होगा कि गृह मंत्रालय का इस पर क्या रुख होता है। दिल्ली में अगले साल जनवरी तक चुनाव होना है।
गुप्ता ने मंगलवार को इंडिया टुडे से बातचीत में कहा, ‘दिल्ली में सरकार नाम की चीज नहीं है। गवर्नेंस पैरालिसिस है। हमने देखा कि थोड़ी सी बरसात में लोगों की मौत हो रही है। जलभराव हो रहा है, सड़कें टूटी हैं। पूरा गवर्नेंस करप्शन में ग्रस्त है। एक के बाद एक स्कैम सामने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री जेल में हैं और जेल से सरकार चलाने की बात कर रहे हैं। पूरी तरह आराजकता है। हमने यह बात खत में कही है।’ गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री कथित शराब घोटाले में 21 मार्च को गिरफ्तारी के बाद से जेल में बंद हैं। सीबीआई केस में उनकी जमानत याचिका पर फैसला लंबित है। हालांकि, ईडी केस में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दी है, लेकिन सीएम कार्यालय जाने पर रोक लगा दी है।
गुप्ता ने आगे कहा, ‘दूसरी बात यह है कि संविधान का खुला उल्लंघन हो रहा है। छठे दिल्ली वित्त आयोग का गठन नहीं किया गया, जबकि इसका कार्यकाल 2026 तक ही है। तीसरा दिल्ली सरकार ने सीएजी की तमाम रिपोर्ट को दबा दिया है और विधानसभा में पेश नहीं किया गया है। यह भी संवैधानिक उल्लंघन है। हमने यह भी बताया है कि केंद्र सरकार की योजनाओं जैसे आयु्ष्मान भारत को दिल्ली के गरीब लोगों को वंचित कर दिया है।’
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भाजपा को जवाब देते हुए कहा कि पार्टी यह तय कर ले कि उसे दिल्ली में कब हारना है। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में ज्ञापन गृह मंत्रालय को भेजे जाने पर कहा, ‘यह भाजपा को तय करना है कि उन्हें अभी हारना है या चार महीने बाद। दिल्ली की बीजेपी को तय करना है या कि चार महीने पहले हारना है या बाद में। कल तारीख घोषित करो, हम कहां पीछे हैं। यदि उन्हें लग रहा है कि हारने की जल्दी है तो जल्दी तारीख घोषित है। यदि वह चाहते हैं कि दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू हो तो उन्हें चार महीने पहले हारना है।’
केजरीवाल सरकार की मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली में भाजपा की एक साजिश कामयाब नहीं हुई तो उन्होंने दूसरी शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा ने राष्ट्रपति शासन लगाया तो चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाएगी। आतिशी ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए कहा,’ भाजपा का एक ही काम है चुनी हुई सरकारों को गिराने का। भाजपा जहां-जहां चुनाव नहीं जीत पाती है। विधायकों को खरीदने की कोशिश करती है चोर दरवाजे से सरकार बनाने की कोशिश करती है। दिल्ली में भी उन्होंने किया, लेकिन सफल नहीं हुए। आम आदमी पार्टी के विधायकों को खरीद नहीं पाए तो अब दूसरी साजिश शुरू कर दी है। मैं भाजपा को यह बता दूं कि दिल्ली के लोग सब देख रहे हैं, लोगों को पता है कि यदि उनके लिए कोई एक आदमी काम करता है तो उसका नाम है अरविंद केजरीवाल। यदि भाजपा साजिश रचकर केजरीवाल की सरकार गिराएगी तो दिल्ली की जनता चुनाव में मुंहतोड़ जवाब देगी।’
[ad_2]
Source link