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हरियाणा की राजनीति में 4 लाल कहे जाते हैं। देवीलाल, बंसीलाल, भजनलाल और मनोहर लाल। इनमें से मनोहर लाल तो अपने परिवार के अकेले ही हैं, जो राजनीति में हैं। लेकिन बाकी तीन लालों के लाल भी राजनीति में उतरे हैं। इस चुनाव में तो इन तीन लालों के 10 लाल उतरे हैं और अलग-अलग पार्टियों से मैदान में हैं। भाजपा की बात करें तो उसके टिकट पर तीनों लाल के परिवार से कोई न कोई चुनाव में उतरा है। यही नहीं कई और सदस्य भी हैं, जो निर्दलीय या फिर किसी न किसी दल से चुनाव लड़ने की जुगत भिड़ा रहे हैं।
कई बार राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले और 5 दशकों तक हरियाणा की राजनीति की धुरी रहे तीनों लाल अपनी मजबूत राजनीतिक विरासत छोड़ गए हैं, जो उनके परिवार के लोगों के लिए जीत की गारंटी की तरह है। पूर्व डिप्टी पीएम देवीलाल के परिवार से 6 लोग सिरसा और जींद जिले की सीटों से चुनाव में उतर रहे हैं। सिरसा की बात करें तो आईएनएलडी के महासचिव अभय चौटाला ऐलनाबाद से उतरे हैं। इसके अलावा अभय के बेटे अर्जुन चौटाला रनिया सीट से पहली बार चुनाव लड़ेंगे। डबवाली सीट से अभय चौटाला के चचेरे भाई आदित्य चौटाला लड़ेंगे। वह देवीलाल के छोटे बेटे जगदीश के पुत्र हैं।
वहीं देवीलाल की ही विरासत से निकली जननायक जनता पार्टी के दुष्यंत चौटाला उचाना कलां विधानसभा से उतरे हैं। यह जींद जिले की सीट है। दुष्यंत के भाई दिग्विजय चौटाला डबवाली से मुकाबले में हैं। यहां परिवार के बीच ही फाइट होगी। देवीलाल के एक और बेटे रंजीत सिंह चौटाला रनिया सीट से निर्दलीय ही उतरने वाले हैं। उन्हें भाजपा से टिकट नहीं मिल पाया है। वहीं पूर्व सीएम बंसीलाल के परिवार की लड़ाई भी रोचक हो गई है। तोशाम सीट से उनकी पोती श्रुति चौधरी और पोते अनिरुद्ध चौधरी आमने-सामने होंगे। श्रुति को भाजपा ने टिकट दिया और उनकी मां किरण को राज्यसभा भेजा गया है।
बंसीलाल के दामाद सोमबीर सिंह भी कांग्रेस से टिकट चाहते हैं और लोहारू सीट पर दावेदारी कर रहे हैं। अब भजनलाल के परिवार की बात करें तो आदमपुर सीट से भव्य बिश्नोई को भाजपा ने फिर से मौका दिया है। यह हिसार जिले की एक सीट है। दिलचस्प बात यह है कि भजन लाल के बड़े बेटे चंद्रमोहन कांग्रेस से टिकट चाहते हैं। उनकी दावेदारी पंचकूला सीट पर है। फतेहाबाद सीट से ताऊ देवीलाल के परिवार की ही सुनैना चौटाला भी दावेदारी कर रही हैं।
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