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आम आदमी पार्टी की सरकार को बर्खास्त करने के लिए दिल्ली बीजेपी विधायकों ने विजेंदर गुप्ता की अध्यक्षता में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा। अब राष्ट्रपति सचिवालय ने बीजेपी के ज्ञापन को गृह सचिव के पास भेज दिया है कि दिल्ली संवैधानिक संकट का सामना कर रही है। सचिवालय का कहना है कि इसपर उचित ध्यान देने की जरूरत है। 30 अगस्त को राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान बीजेपी ने दिल्ली सरकार को बर्खास्त करने की मांग की और दावा किया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के जेल जाने से ‘संवैधानिक संकट’ पैदा हो गया है।
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति सचिवालय के डायरेक्टर शिवेंद्र चतुर्वेदी ने दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता को लिखे पत्र में कहा है, ‘यह पत्र भारत के राष्ट्रपति को लिखे गए 30 अगस्त 2024 के आपके पत्र की प्राप्ति को स्वीकार करता है, जिस पर दिल्ली विधानसभा के सात अन्य विधायकों और एक पूर्व विधायक ने संयुक्त रूप से हस्ताक्षर किए हैं। इसपर उचित ध्यान के लिए इसे गृह मंत्रालय के गृह सचिव को भेज दिया गया है।’ वहीं आप सरकार ने इसे लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
ज्ञापन में बीजेपी विधायकों ने कहा कि सरकार छठे दिल्ली वित्त आयोग का गठन करने में असफल रही है, जो अप्रैल 2021 से लंबित है। ज्ञापन में कहा गया है, ‘यह उपेक्षा भारत के संविधान का गंभीर उल्लंघन है और इसने शहर के लिए उचित वित्तीय योजना और संसाधन आवंटन को गंभीर रूप से बाधित किया है, खासतौर से दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) को प्रभावित किया है।’ इसके अलावा, विधायकों ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने जानबूझकर केंद्र सरकार की कई कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में बाधा डाली।
वहीं बीजेपी पर पलटवार करते हुए आप ने कहा था कि बीजेपी द्वारा सरकार को बर्खास्त करने के लिए राष्ट्रपति के पास जाना दिखाता है कि उन्होंने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों में हार स्वीकार कर ली है। पार्टी ने कहा था, ‘भाजपा को संविधान की कोई परवाह नहीं है और उसने बार-बार इस पर हमला किया है। जहां भी भाजपा चुनाव नहीं जीत पाती, वह राज्य की निर्वाचित सरकार के काम को बाधित करने के एकमात्र मकसद से पैरेलल सरकार चलाने की कोशिश करती है।’
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