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Varanasi News
– फोटो : अमर उजाला
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वाराणसी नगर निगम की 15 कार्यकारिणी और 4 सदन में आदेश देने के बाद भी शहर के होटलों, गेस्ट हाउस और धर्मशालाओं के सर्वे का काम पूरा नहीं हुआ है। यही रवैया अधिकारियों और कर्मचारियों का रहा तो यह काम इस साल पूरा नहीं होगा। हाल ही में मेयर अशोक कुमार तिवारी ने हिदायत दी है कि जल्द से जल्द शहर के सभी होटलों, गेस्ट हाउस और धर्मशालाओं का सत्यापन करें। ताकि इन पर कॉमर्शियल टैक्स लगाकर नगर निगम की आय बढ़ाई जा सके।
पूर्व में नगर निगम ने लाइसेंस फीस जमा नहीं करने वाले 670 होटलों को नोटिस दिया था। फिर भी होटल संचालक नहीं आए तो पेनाल्टी के साथ सीज करने की कार्रवाई की गई। इसके बाद से ही लाइसेंस शुल्क जमा होने लगे। शहर में तकरीबन तीन हजार से अधिक छोटे-बड़े होटल हैं। ऐसा कोई इलाका नहीं बचा है, जहां होटल न खुले हों।
कर निरीक्षकों को जिम्मेदारी देने के बाद भी होटलों के सर्वे का काम पूरा नहीं हुआ है। होटल का कारोबार करने वालों को नगर निगम में लाइसेंस फीस जमा करनी होती है। इसी आधार पर उनका कर निर्धारण और पंजीकरण किया जाता है। ज्यादातर होटल कारोबारी पर्यटन, प्रशासन, फायर, फूड और पुलिस विभाग से लाइसेंस ले लेते हैं, लेकिन नगर निगम में लाइसेंस फीस जमा नहीं करते हैं।
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