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आगरा-ग्वालियर के बीच ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनाने के लिए एनएचएआई ने 3841 करोड़ रुपए का टेंडर जारी कर दिया है। इससे आगरा से ग्वालियर के बीच की दूरी ढाई घंटे से घटकर डेढ़ घंटे की रह जाएगी। यह कॉरिडोर बनने से चंबल और ग्वालियर संभाग में व्यवसायिक व औद्योगिक गत
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अभी ग्वालियर से आगरा के बीच फोरलेन हाइवे पर पैसेंजर कार यूनिट (पीसीयू) 60 हजार है। इस कारण दुर्घटनाएं बढ़ी हैं। ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनने से हैवी ट्रैफिक इस रूट पर डायवर्ट होने से हादसों में कमी आएगी। फोरलेन व सिक्सलेन एक्सप्रेस-वे पर वाहनों का लोड बंटने से वायु व ध्वनि प्रदूषण में भी कमी आएगी। स्थानीय लोगों का आवागमन सुगम हो जाएगा।
नया एरिया विकसित होने से बिजनेस चमकेंगे: ग्रीनफील्ड कॉरिडोर से आगरा से मुरैना होते हुए ग्वालियर तक एक नया एरिया विकसित होने से मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के कारोबारी गतिविधियां बढ़ेंगी। ग्वालियर की इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में आए निवेशकों को एक नया रूट मिलने से उनके पूंजी निवेश की संभावनाएं और बढ़ने की उम्मीद है।
भारी वाहनों के दबाव से राहत मिलेगी
- ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनने से आगरा से लेकर सैंया, मनियां, धौलपुर, मुरैना, बानमोर, पुरानी छावनी तक वाहनों का दबाव कम होगा। अभी वाहनों के दबाव के कारण लोग जाम में फंसते हैं।
- लोडिंग वाहनों को कच्चे माल की सप्लाई के लिए हाइवे खाली मिलेगा जिससे समय पर माल की डिलीवरी हो सकेगी। अभी हैवी ट्रैफिक के कारण माल सप्लाई में देरी होती है।
दूरी 32 किमी कम होगी, समय बचेगा
नया सिक्सलेन हाइवे बनने के बाद आगरा से ग्वालियर की दूरी में 32 किमी की कमी आएगी। इससे सफर का समय एक से सवा घंटे कम होगा। अधिग्रहण की जाने वाली जमीन पर यदि किसानों के मकान, नलकूप, टीनशेड, बिजली के पोल या ट्रांसफार्मर लगे हैं तो उनको सर्वे में शामिल किया जाकर संबंधित विभागों से उस प्रॉपर्टी के मूल्य का आंकलन कराकर उसका मुआवजा किसान को दिया जाएगा।
किसानों की जमीन से निकलेगा एक्सप्रेस-वे… ग्रीनफील्ड कॉरिडोर जिले की सीमा में अंबाह अनुविभाग के 3 व मुरैना अनुविभाग के 22 गांव कुल 25 गांव के 7357 किसानों की जमीन से निकलेगा। अंबाह में 582 किसानों की जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। इसी प्रकार मुरैना अनुविभाग में 6755 किसानों की जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है।
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