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भारत-अमेरिका का सबसे बड़ा संयुक्त युद्धाभ्यास विश्वस्तरीय ट्रेनिंग नोड महाजन फायरिंग रेंज में सोमवार को शुरू हो गया। अभ्यास के लिए अमेरिका के हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम और एम777 होवित्जर गन की तैनाती की गई है। इनके गरजने से रेगिस्तान के साथ पा
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भारत-अमेरिका संयुक्त सैन्य युद्ध अभ्यास-2024 के 20वें संस्करण का बम के धमाके से आगाज महाजन फायरिंग रेंज में सोमवार को हो गया। 22 सितंबर तक चलने वाले इस अभ्यास में भारतीय सेना की 9 राजपूत रेजीमेंट के 600 तथा अमेरिकी सेना के 600 सैनिक, कुल 1200 सैनिक भाग लेंगे। सोमवार को पहले ही दिन अमेरिकी सैनिकों को गर्मी ने विचलित कर दिया। उद्घाटन परेड के दौरान दो अमेरिकी सैनिक गश खाकर गिर पड़े।
उन्हें तत्काल पास ही तैनात सेना की मोबाइल एंबुलेंस में शिफ्ट किया गया। इससे अन्य अमेरिकी सैनिक भी परेशान हो गए। इस घटना के तुरंत बाद दोनों देशों के राष्ट्रगान के साथ ही समारोह खत्म कर दिया गया। दरअसल अमेरिका ने अलास्का स्थित 11वें एयरबोर्न डिवीजन की 1-24 बटालियन के सैनिकों को युद्धाभ्यास के लिए भेजा है। यह सैनिक वहां माइनस 35 डिग्री तक के तापमान में रहने के आदी हैं।
हालांकि सितंबर महीने में वहां का तापमान जीरो से 11 डिग्री के आस-पास रहता है, लेकिन बीकानेर की गर्मी और उमस के कारण सैनिक पहले ही दिन परेशान नजर आए। अमेरिका के 11 एयरबोर्न डिवीजन के प्रथम ब्रिगेड के कमांडर कर्नल क्रस्टोफेर ब्राउले ने भास्कर से बातचीत में गर्मी को लेकर चिंता जाहिर की।
उन्होंने बताया कि अलास्का में जीरो से माइनस के बीच रहते हैं, लेकिन महाजन में दिन निकालना उनके लिए वाकई काफी चुनौती भरा होगा। उन्होंने कहा कि सैनिकों को हर तरह के वातावरण में रहने का अभ्यास होना जरूरी है। वहीं दूसरी तरफ भारतीय सैनिक थार के मरुस्थल में 50 डिग्री तापमान में भी मुस्तैद रहने में सक्षम हैं।
महाजन फायरिंग रेंज में युद्धाभ्यास की शुरुआत सोमवार सुबह समारोह के साथ हुई, लेकिन किसी तरह का अभ्यास नहीं हो पाया। समझा जाता है कि गर्मी के कारण अमेरिकी सैनिकों की हालत को देखते हुए दोपहर का अभ्यास स्थगित करना पड़ा। रक्षा प्रवक्ता कर्नल अमिताभ शर्मा का कहना है कि किसी कारणवश कुछ इवेंट बाद में किए जाएंगे।
हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम, एम777 होवित्जर गन की तैनाती, अभ्यास के दौरान गरजेंगी, थर्राएगा पाकिस्तान
भारत और अमेरिका का संयुक्त सैन्य अभ्यास काउंटर टेरेरिज्म और काउंटर स्पेशल ऑपरेशन पर केंद्रित रहेगा। महाजन फायरिंग रेंज में अमेरिका का हाई मोबिलिटी आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम और एम777 हॉवित्जर गन तैनात कर दी गई हैं। अभ्यास के दौरान काल्पनिक दुश्मन पर इनमें सटीक निशानों का परीक्षण किया जाएगा।
एम 777 हॉवित्जर गन दोनों ही देशों के पास है। एम 777 हॉवित्जर हॉवित्जर श्रेणी की एक ब्रिटिश टोड 155 मिमी तोप है। इसका उपयोग ऑस्ट्रेलिया , कनाडा , कोलंबिया , भारत , सऊदी अरब , यूक्रेन और संयुक्त राज्य अमेरिका की जमीनी सेनाओं द्वारा किया जाता है। इसका पहली बार अफगानिस्तान में युद्ध के दौरान युद्ध में उपयोग किया गया था।
2004 में हुआ था दोनों देशों के बीच पहला अभ्यास
भारत और अमेरिका के बीच महाजन फायरिंग रेंज में पहला युद्धाभ्यास 2004 में हुआ था। तब भारतीय सेना की इसी राजपूत रेजीमेंट के सैनिकों ने उसमें भाग लिया था, जो वर्तमान में अमेरिका की 11 एयरबोर्न डिवीजन के साथ इन दिनों अभ्यास कर रही है। दोनों देशों के बीच युद्धाभ्यास का यह 20वां संस्करण है। राजपूत रेजिमेंट के मेजर आदिक ने बताया कि उस वक्त के सैनिक आज सूबेदार बन गए हैं। कुछ नए सैनिक भाग ले रहे हैं वे भी अगले संस्करण तक पदोन्नत हो जाएंगे।
सैन्य अधिकारी बोले- दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा मिलेगा
भारतीय सेना की 15 इन्फैन्ट्री ब्रिगेड के कमांडर ब्रिगेडियर प्रयोग सुब्बा तथा यूएस आर्मी की 11 एयरबोर्न डिविजन के डिप्टी कमांडर ब्रिगेडियर जनरल थॉमस बर्क ने इस मौके पर मीडिया से कहा कि अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र जनादेश के सातवें अध्याय के तहत सब – कन्वेंशनल माहौल में आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने के लिए दोनों पक्षों की संयुक्त सैन्य क्षमता को बढ़ाना है। यह अभ्यास सेमी डेजर्ट वातावरण में सैन्य कार्यवाही पर केंद्रित होगा।
अभ्यास के दौरान किए जाने वाले सामरिक अभ्यासों में, आतंकवादी कार्रवाई के लिए संयुक्त प्रतिक्रिया, संयुक्त योजना और संयुक्त क्षेत्र प्रशिक्षण अभ्यास शामिल हैं जो वास्तविक दुनिया के आतंकवाद विरोधी मिशन का अनुकरण करते हैं। युद्धाभ्यास दोनों पक्षों को संयुक्त अभियान चलाने की रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं में सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में सक्षम बनाएगा।
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