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मानसून की मेहरबानी से बीसलपुर बांध में पानी की जबरदस्त आवक हो रही है। बांध के 6 गेट खोलकर चार दिन में 12.50 टीएमसी पानी बनास नदी में छोड़ा जा चुका है। इतने पेयजल की सप्लाई जयपुर, अजमेर व टोंक जिलों की करीब 1.20 करोड़ आबादी को सालभर की जाती है।
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शुरुआत में त्रिवेणी का बहाव 4.30 मीटर होने पर गेट नं. 7, 8, 9, 10, 11 व 12 तीन मीटर तक खुले हुए थे और 96 क्यूसेक (क्यूबिक फीट प्रति सेकंड) पानी छोड़ा जा रहा था। अब बहाव 3.90 मीटर है। ऐसे में इन सभी गेटों की हाइट दो-दो मीटर कम कर एक-एक मीटर कर दी गई है और 36 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। गौरतलब है कि 6 सितंबर को बांध के गेट खोले गए थे।
क्षमता का चौथाई पानी बह गया, 5 साल पहले 18 में से 17 गेट खोले थे
- 315.50 आरएल मीटर अधिकतम लेवल और न्यूनतम 297 है बीसलपुर बांध का।
- 38.70 टीएमसी है भराव क्षमता, 33.15 टीएमसी यानी 75% उपयोग होता है।
- 16.20 टीएमसी पेयजल और 8 टीएमसी सिंचाई में, 8.96 टीएमसी वाष्पीकरण व रिसाव में जाता है। यानी चौथाई पानी बह गया। ईसरदा बांध पूरा बन जाता तो बीसलपुर से बहे पानी से पूरा भर जाता।
- 78% काम ही ईसरदा बांध का पूरा हुआ है। 10780 एमसीएफटी (मिलियन क्यूबिक फीट) भराव क्षमता होगी।
- 3.24 टीएमसी का बांध पहले
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