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एम्स तंबाकू की लत से परेशान लोगों का उपचार करेगा। इसके लिए एम्स में मंगलवार से तंबाकू समाप्ति क्लीनिक(टीसीसी) की शुरुआत होने जा रही है। यह सुविधा एम्स के न्यू आरएके ओपीडी इमारत के पल्मोनरी विभाग में पांचवीं मंजिल पर स्थित कमरा नंबर 519 और 526 में मिलेगी।
तंबाकू की लत छुड़ाने में मदद मिलेगी
तंबाकू के सेवन से होने वाली स्वास्थ्य चुनौतियों के समाधान में राष्ट्रीय औषधि निर्भरता उपचार केंद्र(एनडीडीटीसी) और पल्मोनरी सहित दूसरे विभागों ने यह एक सहयोगात्मक प्रयास किया है। एम्स के निदेशक प्रोफेसर एम. श्रीनिवास के अनुसार, तंबाकू मुक्त एम्स की पहल के तहत यह क्लीनिक स्वस्थ वातावरण बनाने में एक महत्वपूर्ण कदम है। तंबाकू की लत से जूझने वाले मरीजों के लिए यह क्लीनिक मददगार साबित होगा।
मनोवैज्ञानिक सहयोग भी मिलेगा
एम्स दिल्ली के पल्मोनरी, क्रिटिकल और स्लीप मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख डॉ. अनंत मोहन ने कहा कि तंबाकू का सेवन सीओपीडी और फेफड़ों के कैंसर जैसी श्वसन संबंधी बीमारियों का एक प्रमुख कारण बना हुआ है। कई मरीज इसे छोड़ने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यहां पर मनोवैज्ञानिक भी मौजूद रहेंगे।
तंबाकू मौत का प्रमुख कारण
एम्स एनडीडीटीसी के अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक और प्रोफेसर डॉ. प्रभु दयाल ने बताया कि तंबाकू का सेवन विश्व स्तर में मौत का प्रमुख कारण बना हुआ है। वैश्विक तौर पर हर साल 80 लाख से अधिक मौतों के लिए तंबाकू जिम्मेदार है। भारत में 13 लाख से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा देते हैं। भारत तंबाकू का तीसरा बड़ा उत्पादक और दूसरा बड़ा उपभोक्ता है।
आधे से ज्यादा वयस्क तंबाकू छोड़ना चाहते
वैश्विक वयस्क तंबाकू सर्वेक्षण के अनुसार 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के 28.6 फीसदी भारतीय वयस्क वर्तमान में किसी न किसी रूप में तंबाकू का उपयोग करते हैं। इसमें 55.4 फीसदी धूम्रपान करने वाले और 49.7 फीसदी धुआं रहित तंबाकू का सेवन करने वाले इसे छोड़ना चाहते हैं। तंबाकू का सेवन करने वालों में 92.4 फीसदी वयस्कों में धूम्रपान से गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों की पहचान हुई।
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