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– डेढ़ महीने में मंत्री समूह रिपोर्ट देगा। उसके बाद नवंबर में परिषद की बैठक में होगी चर्चा नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता
सस्ते स्वास्थ्य व जीवन बीमा प्रीमियम के लिए अभी दो महीने इंतजार करना होगा। जीएसटी परिषद ने अब पूरे मामले को जीएसटी की दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए गठित मंत्री समूह के पास भेज दिया गया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जानकारी दी कि मंत्री समूह बिहार के उपमुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पहले से गठित है लेकिन अभी उसमें कुछ नए सदस्यों को जोड़ा गया है जो विशेष तौर पर बीमा से जुड़े मुद्दे पर अपनी रिपोर्ट देंगे।
मंत्री ने कहा कि परिषद के पास स्वास्थ्य, जीवन, ग्रुप और रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा कराए जाने वाले बीमा संबंधी कई विषय थे, जिस कारण से पूरे मामले को मंत्री समूह के पास भेजने का फैसला लिया गया है। समूह अक्टूबर के अंत तक अपनी रिपोर्ट देगा। उसके बाद नवंबर की बैठक में उस पर फैसला लिया जाएगा। उधर, बताया जा रहा है कि कुछ राज्य स्वास्थ्य व जीवन बीमा पर जीएसटी को 18 फीसदी से घटाकर पांच फीसदी किए जाने के पक्ष में थे तो कुछ राज्य उसे पूरी तरह से हटाने की मांग कर रहे थे। वहीं, जीवन और स्वास्थ्य बीमा के साथ ही दूसरी श्रेणी की बीमा प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी को कम करने के लिए भी परिषद को काफी आवेदन मिले थे, जिस कारण से फैसले को मंत्री समूह के पास भेजने का फैसला लिया गया। ध्यान रहे कि सबसे पहले केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री को पत्र लिखकर प्रीमियम से जीएसटी हटाने की मांग रखी थी। उसके बाद विपक्षी दलों ने मामले को उठा और अब पश्चिम बंगाल की तरफ से मामले को लगातार उठाया जा रहा है। बीते महीने मंत्री समूह की बैठक में भी पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री ने जीएसटी को पूरी तरह से हटाने की मांग की थी।
शोध अनुदान पर नहीं लगेगा जीएसटी
बैठक में फैसला लिया गया है कि केंद्र व राज्य सरकार के कानून से गठित विश्वविद्यालय व शोध संस्थान पर शोध अनुदान के ऊपर जीएसटी नहीं लगेगा। बीते दिनों आईआईटी दिल्ली समेत देश के सात शीर्ष संस्थानों को 220 करोड़ रुपये के जीएसटी नोटिस भेजे गए थे, जिसमें शिक्षण संस्थानों से मांग की गई थी कि वो शोध के लिए मिले अनुदान पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी जमा कराएं। इसको लेकर शिक्षा मंत्रालय, दिल्ली, पंजाब समेत अन्य राज्यों ने आपत्ति दर्ज कराई थी।
ऑनलाइन गेमिंग से राजस्व वसूली 412 फीसदी बढ़ी।
– ऑनलाइन गेमिंग और कैसिनो पर जीएसटी दरों की समीक्षा की गई। ऑनलाइन गेमिंग के राजस्व वसूली में में 412% की बढ़ोत्तरी हुई, जिससे राजस्व संग्रह बढ़क 6909 करोड़ हो गया है। जबकि कसीनों का राजस्व संग्रह भी बीते छह महीने में 34 फीसदी बढ़ गया है।
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