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Bangladesh Ban Hilsa Fish: बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्ता पलट जाने के बाद भारत में लोग हिल्सा मछली के लिए लोग तरसने लगे हैं. जब दुर्गा पूजा का त्योहार नजदीक आ गया है तब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हिल्सा के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. इससे दुर्गा पूजा से पहले बांग्लादेशी इलिश (जैसा कि मछली को बंगाली में जाना जाता है) की कमी हो गई है. ऐसे में इसकी कीमतें आसमान छू रही हैं.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, हिल्सा ने प्रतिबंध को दरकिनार करके भारत पहुंचने का रास्ता खोज लिया है. ऐसे में बांग्लादेशी पद्म इलिश दुर्गा पूजा के दौरान उपलब्ध होने की संभावना है, हालांकि इसकी कीमत ज्यादा होगी. दुर्गा पूजा से ठीक पहले, जब बंगाली लोग खिचड़ी के साथ इलिश खाना पसंद करते हैं. ऐसे में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत को इस बहुमूल्य मछली के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया.
पूर्व PM शेख हसीना ने शुरू की थी सद्भावनापूर्ण प्रथा
वहीं, ये प्रतिबंध बांग्लादेश की ओर से भारत, खासकर पश्चिम बंगाल में त्योहारों के मौसम में पद्मा इलिश की बड़ी खेप भेजने की लंबे समय से चली आ रही परंपरा से अलग है. क्योंकि, ये आवामी लीग की नेता शेख हसीना की शुरू की गई सद्भावनापूर्ण प्रथा थी. हालांकि बांग्लादेश ने साल 2012 से 2020 तक हिल्सा के निर्यात पर सामान्य प्रतिबंध लगाया था, लेकिन उसने भारत के लिए ये बैन हटा रखा था.
दुर्गा पूजा से पहले बांग्लादेश ने भारत को इलिश निर्यात पर लगाया बैन
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश के मत्स्य एवं पशुधन मंत्रालय की सलाहकार फरीदा अख्तर ने कहा कि सरकार ने स्थानीय उपभोक्ताओं के लिए पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबंध लगाया है. हाल ही में फरीदा अख्तर ने पिछले हफ्ते ही कहा कि जब तक हमारे अपने लोग इसे खरीद नहीं सकते, हम इलिश के निर्यात की अनुमति नहीं दे सकते. ऐसे में इस साल वाणिज्य मंत्रालय को दुर्गा पूजा के दौरान भारत को इलिश के निर्यात को रोकने का निर्देश दिया गया है.
जानिए अंतरिम सरकार ने पद्मा हिल्सा पर क्यों लगाया बैन?
बांग्लादेश दुनिया की लगभग 70% इलिश का उत्पादन करता है. वहीं, इलिश बांग्लादेश की राष्ट्रीय मछली भी है. 2012 से, बांग्लादेश ने तीस्ता नदी जल-बंटवारे समझौते पर विवाद के कारण चीनी निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. द टेलीग्राफ के अनुसार, यह प्रतिबंध 2022 में हटा लिया जाएगा. पद्मा हिल्सा की बड़ी खेप दुर्गा पूजा, पोइला बोइसाख (बंगाली नव वर्ष) और जमाई सोष्टी (दामाद के सम्मान में एक अनुष्ठान, जिसके बाद पारिवारिक मिलन और भव्य भोज होता है) से पहले बांग्लादेश से भारत में आती थी.
ऐसे में बांग्लादेश में नई सैन्य समर्थित सरकार ने सद्भावनापूर्ण कदम जारी न रखने का फैसला किया है. प्रतिबंध से भारतीय बाजारों में इलिश की कीमत बढ़ने की उम्मीद है, जिसे ओडिशा, म्यांमार और गुजरात से वैकल्पिक आपूर्ति पर निर्भर रहना पड़ेगा.
बांग्लादेश में बैन के बावजूद भारतीयों को कैसे मिल सकती है हिल्सा मछली?
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के बैन लगाने के बावजूद भारत के मार्केट में ये धड़ल्ले से बिक रही है. इंडिया टुडे से बातचीत में सीआर पार्क के मार्केट के एक मछली विक्रेता ने बताया कि गाजीपुर थोक बाजार के व्यापारियों ने हमें बताया है कि बांग्लादेश से हिल्सा अब म्यांमार के रास्ते आ रही है. उन्होंने कहा कि इससे हिल्सा की कीमतें बढ़ गई हैं.
मछली विक्रेता ने कहा कि हम बांग्लादेश से 1-1.3 किलोग्राम की हिल्सा मछली अब 2,200 से 2,400 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेच रहे हैं. कुछ महीने पहले इसकी कीमत 1,800 से 2,000 रुपये प्रति किलोग्राम थी. उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा के दौरान बांग्लादेशी हिल्सा उपलब्ध रहेगी, लेकिन आपूर्ति संबंधी समस्याओं के कारण कीमतें बढ़ सकती हैं.
दिल्ली के मार्केट में भारतीय और बांग्लादेशी हिल्सा दोनों उपलब्ध
दिल्ली के सीआर पार्क मार्केट में एक अन्य मछली खुदरा विक्रेता ने कहा कि भारतीय और बांग्लादेशी हिल्सा दोनों उपलब्ध हैं. वे कहते हैं कि अब दोनों हिल्सा 1-1.3 किलोग्राम वजन वाली 2,200 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक रही हैं. खुदरा विक्रेता का कहना है कि वह पद्मा इलिश की आपूर्ति बांग्लादेश में अपने नियमित आपूर्तिकर्ता से कर रहा था.
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