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रात में गश्त करते ग्रामीण
– फोटो : अमर उजाला
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लखीमपुर खीरी के महेवागंज इलाके में चोरी की ताबड़तोड़ घटनाओं से परेशान ग्रामीणों ने अब सुरक्षा की कमान खुद संभाल ली है। वे सामूहिक रूप से पहरा दे रहे हैं। सबसे पहले वे आधार कार्ड देखते हैं, इसके बाद ही गांव में आने देते हैं। रेहुआ सिसवारा के 84 लोगों की निगरानी टीम तैयार की गई है। इसमें हर घर से एक व्यक्ति लाठी डंडे, मोबाइल और टार्च से लैस है। छह टीम बनाई गई हैं।
हर एक टीम में 14 गश्ती सदस्य हैं। खेत, खलिहान, गली, चौराहे और जंगल में गश्त जारी है। अपरिचित और बाहरी लोगों की पहचान की पुष्टि होने पर ही उन्हें गांव में घुसने दिया जाता है। यशपाल इस मुहिम के अगुवाकार हैं। प्रताप सिंह, नवल, जय प्रकाश, रामप्रवेश, किशोर, रामचंद्र ने बताया शाम का भोजन और घरेलू काम निपटाने के बाद रात नौ बजे से भोर के तीन बजे तक टीमें गश्त कर रही हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि चाहे वर्दीधारी हों या आम ग्रामीण सबको रोककर पूछताछ कर आगे बढ़ने दिया जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि तीन दिन पहले गुलरीपुरवा में जंगल के पास देर रात कुछ संदिग्धों की आहट लगी थी। टार्च की रोशनी डाली तो वह लोग जंगल में गुम हो गए। जब से पहरा शुरू हुआ तब से कोई नजर नहीं आया।
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