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– फोटो : अमर उजाला
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पिछले साल हुए अलाया अपार्टमेंट हादसे के बाद एलडीए चेत जाता तो शनिवार को हुआ ट्रांसपोर्टनगर हादसा टल सकता था। अलाया हादसे के बाद पूरे शहर में कॉमर्शियल बिल्डिंग और अपार्टमेंटों का सेफ्टी ऑडिट कराने का आदेश हुआ था। इसके बाद एलडीए बोर्ड से प्रस्ताव भी पास हुआ, लेकिन यह कवायद कागजी भर रही। अब एक और हादसा होने के बाद एलडीए ने सुरक्षा के लिए बिल्डिंगों की स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग जांच कराने की बात कही है। रविवार को ट्रांसपोर्ट नगर में इसी आधार पर एक बिल्डिंग को सील भी किया गया है।
बीते साल 25 जनवरी 2023 को वजीर हसन रोड पर पांच मंजिला अलाया अपार्टमेंट अचानक पूरी तरह ढह गया था। उस दिन भी न तो कोई भूकंप आया था न आंधी या बारिश और न अपार्टमेंट ही जर्जर था। हादसे में एक ही परिवार की दो महिलाओं की जान गई थी। 12 फ्लैट और एक पेंट हाउस वाला यह अपार्टमेंट क्यों ढहा, जब इसकी जांच हुई तो पता चला कि इसका निर्माण बहुत घटिया था। इसीलिए जब बिल्डर ने भूतल पर एक अतिरिक्त निर्माण के लिए ड्रिलिंग मशीन से फर्श और एक पिलर के हिस्से को तोड़वाया तो बेस को नुकसान पहुंचा और अपार्टमेंट ढह गया था। उस समय मंडलायुक्त रोशन जैकब ने सभी अपार्टमेंटों व कॉमर्शियल बिल्डिंगों का सेफ्टी ऑडिट कराने का आदेश दिया था। इसके बाद एलडीए बोर्ड में प्रस्ताव भी पास हुआ, लेकिन हुआ कुछ नहीं। सूत्रों ने बताया कि प्रस्ताव पास कर शासन भेज दिया गया, लेकिन वहां से कोई आदेश नहीं आया।
बनना था एक्सपर्ट आर्किटेक्ट का पैनल
तब एलडीए बोर्ड बैठक में पास हुए प्रस्ताव के तहत पंजीकृत आर्किटेक्ट का एक पैनल बनाया जाना था, जिनसे अपार्टमेंट व काॅमर्शियल बिल्डिंगों की जांच कराई जानी थी, ताकि पता चले कि स्वीकृत मानचित्र के अनुरूप निर्माण है कि नहीं। बिल्डिंग का स्ट्रक्चरल डिजाइन सही है कि नहीं। बिल्डिंग का उपयोग उसकी क्षमता के अनुरूप हो रहा है या उससे अधिक। बिल्डर ने निर्माण सामग्री की जो गुणवत्ता बताई गई है, उसी हिसाब से निर्माण हुआ है या नहीं। सरिया, सीमेंट, गिट्टी, मौरंग आदि का प्रयोग सही अनुपात मेंं है या नहीं। ऐसे में सेफ्टी ऑडिट पर अमल होता तो ट्रांसपोर्टनगर की बिल्डिंग के कमजोर होने का मामला भी सामने आता। पता चलता कि जितनी क्षमता की बिल्डिंग बनाई गई है, उसमें उससे कई गुना अधिक वजन रखा गया है।
अब आई स्ट्रक्चरल जांच की याद
शनिवार को ट्रांसपोर्ट नगर में बिल्डिंग ढहने के बाद रविवार को पास वाली जो बिल्डिंग एलडीए ने सील की है, उसे लेकर कहा जा रहा है कि बिल्डिंग की स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग की जांच कराई जाएगी। नोटिस मेंं लिखा गया है कि बगल वाली बिल्डिंग ढहने के कारण इस बिल्डिंग के भी स्ट्रक्चर को नुकसान जरूर पहुंचा होगा। ऐसे में स्ट्रक्चर की जांच जरूरी है। जब तक जांच नहीं होगी, बिल्डिंग सील रहेगी।
अब होगा अमल
अलाया अपार्टमेंट के समय सेफ्टी ऑडिट का जो आदेश हुआ था उस पर किसी कारण अमल नहीं हो पाया होगा, लेकिन अब होगा। इसके लिए आर्किटेक्ट का पैनल बना लिया जाएगा। पूरे शहर का सेफ्टी ऑडिट होगा। इसकी फीस भी तय की जाएगी।- प्रथमेश कुमार, वीसी एलडीए
निर्माणाधीन बहुमंजिला भवनों का भी होगा स्ट्रक्चरल ऑडिट
बहुमंजिला इमारतें बनाने वाले बिल्डरों को अब नक्शा पास कराते समय बिल्डिंग की उम्र भी बतानी होगी। इसके लिए बिल्डर, आर्किटेक्ट, स्ट्रक्चरल इंजीनियर तथा भूस्वामी को संयुक्त रूप से बिल्डिंग की उम्र का प्रमाणपत्र देना होगा। इसमें लिखना होगा कि कितने वर्ष तक बिल्डिंग पूरी तरह सुरक्षित रहेगी। इसके तहत अब 15 मीटर या उससे अधिक ऊंची इमारतों की विशेषज्ञ स्ट्रक्चरल इंजीनियर से सेफ्टी ऑडिट कराना अनिवार्य होगा। किसी भी योजना का रहने योग्य प्रमाणपत्र जारी होने के उपरांत पांच वर्ष तक स्ट्रक्चर की जांच का जिम्मा बिल्डर का ही होगा।
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