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– फोटो : अमर उजाला
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ट्रांसपोर्टनगर में जो बिल्डिंग शनिवार को ढही है उसका मानचित्र भले ही पास हो, मगर निर्माण मानकों के अनुसार नहीं था। दरार आने के कारण जो बिल्डिंग सील की गई है, उसका भी यही हाल है। न तो उसमें सेट बैक छोड़ा गया है और न फ्रंट। पार्किंग का भी कोई इंतजाम नहीं है। ऐसे में मानचित्र के विपरीत अवैध निर्माण किया गया है। यह हाल सिर्फ ट्रांसपोर्टनगर में नहीं है, बल्कि पूरे शहर में एक लाख से अधिक बिल्डिंगों में अवैध निर्माण है।
हादसे के बाद अब एलडीए प्रशासन ट्रांसपोर्टनगर में बिल्डिंगों की जांच को लेकर अभियान चलाएगा। इसको लेकर ड्रोन से सर्वे कराए जाने की भी तैयारी है। एलडीए प्रशासन ड्रोन उड़ाने के लिए एयरपोर्ट प्रशासन से अनुमति लेगा। गौरतलब है कि एयरपोर्ट ट्रांसपोर्टनगर योजना के नजदीक है। एलडीए के जानकारों ने बताया कि शहीद पथ के दोनों ओर करीब 22 किलोमीटर के दायरे मेंं ट्रांसपोर्टनगर सहित सभी काॅलोनियों में प्राधिकरण जांच अभियान चलाएगा। अवैध बिल्डिंगों पर कार्रवाई भी की जाएगी।
मलबा पर पुलिस का पहरा, पांच पुलिसकर्मी किए गए तैनात
ढही बिल्डिंग का मलबा गोमतीनगर में नगर निगम केंद्रीय कार्यशाला के सामने पुलिस की निगरानी में रखा गया है। रविवार को करीब 15 ट्रक मलबा वहां पर डाला गया। नगर निगम के मुख्य अभियंता विद्युत यांत्रिक मनोज प्रभात ने बताया कि बिल्डिंग ढहने के मामले में एफआईआर दर्ज है। बीमा का भी मामला होगा। ऐसे में मलबा पुलिस की निगरानी में रखा गया है। पांच पुलिस कर्मी उसकी निगरानी मेंं तैनात हैं। रविवार दोपहर तक यह तय नहीं हो पा रहा था कि मलबा कहां पर रखा जाए। मलबे से भरे ट्रक ट्रांसपोर्टनगर में ही खड़े रहे। बाद में केंद्रीय कार्यशाला के सामने मलबे को रखा गया।
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