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Vaccine
– फोटो : Istock
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उत्तर प्रदेश सरकार सूबे में नवजात एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसके तहत विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं। ऐसे में प्रदेश में लगातार नियमित टीकाकरण का अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत पिछले तीन वर्षों में प्रदेश भर में शत प्रतिशत नियमित टीकाकरण के लिए 77,51,600 सत्र आयोजित किये गये, जिसमें 1,61,61,882 शिशुओं का पूर्ण टीकाकरण किया गया। यही वजह है कि प्रदेश में पिछले सात वर्षों में नवजात एवं शिशु मृत्यु दर में काफी कमी दर्ज की गयी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हर साल जीरो से लेकर 16 साल तक के बच्चों और गर्भवती महिलाओं के शत-प्रतिशत टीकाकरण के लिए लक्ष्य दिया जा रहा है ताकि कोई टीकाकरण से छूटा न रहे। इतना ही नहीं योगी सरकार द्वारा सौ फीसद नियमित टीकाकरण के लक्ष्य को पाने के लिए समय-समय पर नवाचार भी किए जा रहे हैं, 13 मार्च 2024 को लांच यूविन पोर्टल उसी का हिस्सा है।
वर्ष 2023-24 में 56 लाख से अधिक शिशुओं का किया गया टीकाकरण
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक डॉ. पिंकी जोवल ने बताया कि सीएम योगी के निर्देश पर सौ फीसद नियमित टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरे प्रदेश में अभियान चलाकर टीकाकरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सीएम योगी के निर्देश पर वर्ष 2023-24 में नवजात शिशुओं से लेकर 16 साल तक के बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के लिए 28,00,343 सत्र आयोजित करने का लक्ष्य रखा गया, जिसके सापेक्ष 27,82,621 सत्र आयोजित किये गये। इसमें बच्चों 57,24,629 जीरो से लेकर 1 साल तक के बच्चों के टीकाकरण और गर्भवती महिलाओं 66,94,603 के निर्धारित टीकाकरण के लक्ष्य के सापेक्ष 56,90,886 बच्चों और 56,50,317 गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया। इसी तरह वर्ष 2022-23 में 28,40,924 सत्र आयोजित करने का लक्ष्य रखा गया, जिसके सापेक्ष 28,40,705 सत्र आयोजित किये गये। इसमें बच्चों 57,16,769 और गर्भवती महिलाओं 67,06,324 के निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष 56,24,809 बच्चों और 57,22,227 गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण किया गया।
एक करोड़ से अधिक शिशुओं को लगाया गया एमआर-1 और 2 का टीका
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के महाप्रबंधक डॉ. मनोज शुक्ला ने बताया कि योगी सरकार की ओर से वर्ष 2021-22 में नवजात शिशुओं से लेकर 16 साल तक के बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के लिए 22,65,177 सत्र का लक्ष्य दिया गया जबकि 21,28,274 सत्र आयोजित किये गये। इनसें 56,91,189 जीरो से 1 साल तक के बच्चों को पूर्ण टीकाकरण एवं 68,44,888 गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण कर लक्ष्य रखा गया। इसके सापेक्ष 48,86,187 शिशुओं का पूर्ण टीकाकरण किया गया। वहीं 49,79,529 गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण किया गया।
उन्हाेंने बताया कि इस वर्ष कोरोना महामारी की वजह से टीकाकरण में गिरावट आयी। इसी तरह वर्ष इसी तरह पिछले तीन साल में 1,62,36,990 शिशुओं को एमआर-1 का टीका लगाया गया। वहीं 1,48,81,368 शिशुओं को एमआर-2 का टीका लगाया गया। उन्होंने बताया कि सीएम योगी के निर्देश पर शत प्रतिशत टीकाकरण के लिए जिला चिकित्सालय एवं शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर रविवार से शनिवार तक सुबह 8 बजे से 2 बजे तक टीकाकरण किया गया है जबकि सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मंगलवार से रविवार तक ओपीडी में टीकाकरण किया जाता है।
इतनी बार होता है टीकाकरण
– पांच साल में सात बार टीकाकरण किया जाता है।
– बच्चों को लगाये जाते हैं 12 बीमारियों से बचाव के टीके
– टीबी, हिपेटाइटिस बी, पोलियो, खसरा, रूबेला, काली खांसी, गलघोंटू, टिटेनस, रोटा virus से होने वाला डायरिया, इन्फ्लूएंजा, निमोनिया, जापानी इन्सिफेलाइटिस
– गर्भवती को भी लगते हैं दो टीके
– व्यस्क डिप्थीरिया और टिटेनस के दो टीके गर्भवती को लगाये जाते हैं। एक टीका गर्भावस्था का पता लगते ही और दूसरा उसके अगले माह
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