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संयम और आत्मशुद्धि के दस लक्षण महापर्व की हुई शुरुआत।
जैन समाज धौलपुर द्वारा आत्म शुद्धि के महापर्व दस लक्षण पर्व की शुरुआत रविवार को हो गई। 8 से 17 सितंबर तक बनाए जाने वाले दस लक्षण पर्व के पहले दिन उत्तम क्षमा धर्म की आराधना की गई। पर्व की शुरुआत श्री जी के अभिषेक के साथ हुई। अभिषेक के बाद विश्व कल्या
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जैन मंदिर में शुरू हुए महापर्व के दौरान सांगानेर श्रमण संस्कृति संस्थान से पधारे विद्वान रोहित शास्त्री ने उत्तम क्षमा धर्म पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दशलक्षण महापर्व आत्मा के धर्म हैं। जो हमें धर्म आत्मशुद्धि के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं। उत्तम क्षमा सभी जीवों के प्रति क्षमाशीलता और उदारता का भाव रखना सीखाता हैं। उन्होंने कहा कि जैन धर्म में क्षमा को आत्मा की शुद्धि के लिए अत्यंत आवश्यक माना गया हैं। जैन समाज के अध्यक्ष धनेश जैन ने बताया कि दस लक्षण महापर्व में त्याग, संकल्प और आराधना पर विशेष जोर दिया जाता हैं। महापर्व के दौरान अगले 10 दिनों तक उपवास किए जाते हैं। जिसके बाद प्रतिदिन शाम को मन्दिर जी में विशेष आरती, प्रवचन एवं धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
दस लक्षण महापर्व के आयोजन परम पूज्य विधानाचार्य पंडित रोहित जैन शास्त्री सांगानेर, टीकमगढ़ के सानिध्य में सम्पन्न हो रहे हैं। इस अवसर पर जैन समाज के अध्यक्ष धनेश जैन, महामंत्री अमित जैन, सोनू, सहमंत्री कृष्ण मोहन जैन, कोषाध्यक्ष पवन कुमार जैन, धर्मशाला अध्यक्ष पवन कुमार जैन, प्रवास जैन उपाध्यक्ष, प्रदीप जैन, राजेंद्र कुमार जैन, आशीष कुमार जैन मांगरोल वाले, रत्नचंद जैन, डालचंद जैन, रामभरोसे लाल जैन और सुबोध जैन सहित जैन समाज के लोग मौजूद रहें।
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