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मुरैना के प्रभारी मंत्री करण सिंह वर्मा
मुरैना के प्रभारी मंत्री करण वर्मा का मुरैना से मोहभंग हो गया है। शायद यही वजह है कि उनकी नियुक्ति हुए एक माह बीत गया, लेकिन अभी तक उन्होंने अपने जिले में एक बार भी आना मुनासिब नहीं समझा।
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बता दें, कि 15 अगस्त से पहले प्रदेश के सभी प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति भाजपा पार्टी द्वारा कर दी गई थी। इसके पीछे मुख्य उद्देश्य स्वतंत्रता दिवस पर झंडा वंदन प्रभारी मंत्रियों द्वारा झंण्डावंदन करवाना था। इसके साथ-साथ प्रभारी मंत्रियों की नियुक्ति करना जिससे कि जिलों की प्रशानिक व्यवस्था में कसावट आ सके तथा नौकरशाओं की बेलगामी पर लगाम लग सके। मुरैना में भी इसी आशय से प्रदेश के राजस्व मंत्री करण वर्मा की बतौर प्रभारी मंत्री नियुक्ति की गई थी, लेकिन 15 अगस्त को उनकी जगह जिले की दिमनी विधानसभा के विधायक व प्रदेश की विधानसभा के अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने झण्डा वंदन किया। उसके बाद यह उम्मीद की जा रही थी कि वह प्रशासनिक अधिकारियों की बैठक लेने आएंगे, इसके लिए चार सितंबर की तिथि निर्धारित की गई थी, लेकिन वह नहीं आ सके। इसके पीछे मुख्यमंत्री के पिता का असमय निधन बताया जा रहा है। अब 20 सितंबर को मुख्यमंत्री मोहन यादव तथा राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के पैत्रिक गांव सुरजनपुर में सीएम राइज स्कूल तथा शासकीय प्राथमिक स्वास्थय केन्द्र का भूमि पूजन करने आ रहे हैं। इस मौके पर सीएम मोहन यादव व भजनलाल शर्मा अलावा वीडी शर्मा तथा विधानसभा अध्यक्ष के आने की बात कही जा रही है लेकिन प्रभारी मंत्री करण वर्मा का नाम शामिल नहीं बता जा रहा है, जो उनके इस मोहभंग की बात को और अधिक प्रमाणिकता दे रहा है।
विधानसभा अध्यक्ष के क्षेत्र में नहीं दखल
प्रभारी मंत्री करण वर्मा के अपने जिले से मोहभंग का एक प्रमुख कारण मुरैना में विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर के क्षेत्र में दखल न देना बताया जा रहा है। वह इस बात को भली-भांति जानते हैं कि मुरैना जिले में विधानसभा अध्यक्ष की मर्जी के बिना उनका कोई भी आदेश केवल नाममात्र का आदेश बनकर रह जाएगा।
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