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जिले के राघौगढ़ में हुई पिता पुत्र की हत्या के बाद आज नागरिक राघौगढ़ बंद का प्रयास कर रहे हैं। उधर, प्रशासन भी मुस्तैद है। बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स राघौगढ़ में तैनात किया गया है। पूर्व CM दिग्विजय सिंह ने आरोपियों पर सख्त कार्रवाई और पीड़ित परिवार
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बता दें कि राघौगढ़ के वार्ड क्रमांक 3 के रहने वाले प्रभुलाल (80) पुत्र भंवरलाल और उनका बेटा लक्ष्मीनारायण (30) शुक्रवार को बकरी चराने गए थे। शाम तक भी जब वह नहीं लौटे, तो परिवार वालों ने तलाश की, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चल सका। रात में राघौगढ़ थाने में दोनों की गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी।
शनिवार दोपहर राघौगढ़ पुलिस को सूचना मिली कि आईटीआई कॉलेज के पीछे मक्के के खेत में दो शव पड़े हैं। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। वहां थोड़ी दूरी पर दो शव पड़े थे। दोनों शवों को पहचान प्रभुलाल और लक्ष्मीनारायण के रूप में हुई। प्रभुलाल का शव खेत में गढ़ा हुआ था, जबकि उनके पुत्र लक्ष्मीनारायण का शव दूसरी तरफ झाड़ियों में पड़ा था। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भिजवाया। रविवार सुबह जिला अस्पताल में दोनों शवों का पीएम किया गया।
उधर, गुस्साए नागरिकों ने शनिवार शाम पहले कस्बे और उसके बाद हाइवे पर जाम कर दिया था। मौके पर ASP मान सिंह ठाकुर समेत पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों को समझाइश दी। इसके बाद उन्होंने जाम खोला।
पीड़ित परिवार को मुआवजे की मांग
पूर्व CM दिग्विजय सिंह ने पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की है। उन्होंने X पर लिखा – मेरे गृह नगर राघौगढ़ में केवट समाज के दो गरीब लोगों की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। वे बकरी पाल कर जीवन निर्वाह करते थे। उनकी बकरियां ट्रक में भर कर ले गए। अपराधियों को राजनीतिक संरक्षण है। कानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। अपराधियों को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। मैं पीड़ित परिवार के साथ हूं। शासन को पीड़ित परिवार को तत्काल सहायता राशि देना चाहिए।
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