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फरीदाबाद में गोरक्षरों के हाथों पशु तस्कर समझकर मारे गए 12वीं के छात्र आर्यन मिश्रा की हत्या का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। सामाजिक संस्थाओं ने इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग उठाई है। पांच से अधिक संगठनों के सदस्य 10 सितंबर को इस बाबत डीसी को ज्ञापन भी सौपेंगे।
आर्यन मिश्रा हत्या मामले में रविवार को सामाजिक संगठन, ट्रेड यूनियन आदि के प्रतिनिधियों ने शनिवार को अवधी भोजपुरी समाज धर्मशाला में बैठक की। इस दौरान रमाकांत तिवारी की अध्यक्षता में हत्या मामले पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि फरीदाबाद संघर्ष समिति का एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ित परिवार से मिला। आर्यन के पिता सियानंद मिश्रा ने बताया कि उनके बेटे की हत्या में अन्य अपराधियों का भी हाथ है। उसकी हत्या साजिश रचकर करवाई गई। बैठक के दौरान शहर में बढ़ती आपराधिक गतिविधियों को लेकर भी चिंता जाहिर की गई। साथ ही आर्यन मिश्रा की हत्या के मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग पर विचार किया गया।
10 सितंबर को डीसी को इस बाबत ज्ञापन दिया जाएगा। बैठक में भोजपुरी अवधि समाज के प्रधान रघुवर दयाल, इंकलाबी मजदूर केंद्र के अध्यक्ष खेमानंद, संजय मौर्या, पूर्व पार्षद दयाशंकर गिरी, एचएमएस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एसडी त्यागी, संतोष यादव, लोहिया जागृति मिशन से नागेश, अखिल भारतीय मौर्य महासभा के सचिव यशवंत मौर्य आदि उपस्थित रहे। दूसरी ओर, इस मामले में खुलासा हुआ कि वारदात के बाद आरोपी अनिल कौशिक अपने सहयोगी के साथ दिल्ली के बवाना इलाके में छिपे थे। पुलिस उन्हें पनाह देने वाले की तलाश कर रही है।
गो टास्क फोर्स की सदस्यता रद्द होगी
हरियाणा गो सेवा आयोग के उपाध्यक्ष पूरण मल यादव ने बताया कि पूरे प्रदेश में आयोग की तरफ से गो टास्क फोर्स बनाई गई हैं। यह टास्क फोर्स संबंधित जिला उपायुक्त (डीसी) के निर्देशन में कार्य करती हैं। उन्हें टास्क फोर्स का चेयरमैन नियुक्त किया जाता है। हर जिले में एक डीएसपी रैंक के पुलिस अधिकारी को टास्क फोर्स का नोडल अधिकारी बनाया जाता है। हर टास्क फोर्स में तीन-तीन सदस्य रहते हैं। टास्क फोर्स के सदस्य का काम पशु तस्करों या किसी भी प्रकार की आशंका की सूचना डायल-112 पर कॉल कर पुलिस को या टीम के नोडल अधिकारी को देना होता है। आर्यन मिश्रा हत्याकांड का मुख्य आरोपी अनिल कौशिक फरीदाबाद में गठित गो टास्क फोर्स का सदस्य है। उसके द्वारा अवैध पिस्तौल रखना गलत था। उनकी सदस्यता रद्द की जाएगी।
दिल्ली के बवाना में छिपे थे आरोपी
सूत्रों की मानें तो पूछताछ में सामने आया है कि वारदात के बाद आरोपी अनिल कौशिक अपने सहयोगियों के साथ दिल्ली के बवाना क्षेत्र में चले गए। वहां वहां छिपे रहे। दिल्ली-आगरा नेशनल हाईवे के गदपुरी टोल पर लगे सीसीटीवी कैमरे में आरोपियों की पहचान हुई तो पुलिस उनकी तलाश में जुट गई। हालांकि, पुलिस ने आरोपियों को कहां से गिरफ्तार किया, वह इसकी पुष्टि नहीं कर रही है, लेकिन आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।
रौब के लिए कार पर लगा लेता था पुलिस का सायरन-लाइट
जानकारी के अनुसार, रौब जमाने के लिए अनिल कौशिक अपनी कार पर पुलिस का सायरन और लाइट लगा लेता था। हर कोई कार पर लाइट और सायरन देखकर उन्हें पुलिस ही समझ लेता था। आर्यन के साथ वारदात वाली रात भी वही हुआ। कार चालक ने अनिल कौशिक की टीम को पुलिस समझ लिया और पकड़े जाने के डर से भगाने लगा।
अक्टूबर तक पेश किया जाएगा चालान
जानकरी के अनुसार, आर्यन हत्या मामले में पुलिस ने अदालत में चालान पेश करने की तैयारी तेज कर दी है। बताया जा रहा है कि पुलिस अक्टूबर तक चालान पेश कर देगी। इस बाबत साक्ष्य व अन्य जानकारी जुटा रही है। कानून के एक जानकार ने बताया कि 10 साल से अधिक की सजा मिलने के मामले में 90 दिन के अंदर चालान पेश करने का प्रवधान है।
मकान मालिकों की तलाश तेज
पुलिस से मिली जानकरी के अनुसार, आर्यन मिश्रा के साथ कार में बैठी सुजाता गुलाटी, हर्षित गुलाटी और कीर्ति शर्मा की पुलिस तलाश तेज कर दी है। बताया जा रहा है कि उनकी तलाश में थाना, चौकी और क्राइम ब्रांच की टीम तलाश कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि कार में बैठे सुजाता, हर्षित, कीर्ति और सैंकी को भी जांच में शामिल किया जाएगा।
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