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हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) के बीच सीट शेयरिंग को लेकर उठा-पटक जारी है। अब तक इसको लेकर कोई फैसला नहीं हो सका है। दूसरी तरफ कांग्रेस का ही एक खेमा AAP के साथ गठबंधन से पूरी तरह खिलाफ है। 12 सितंबर ही नामांकन की आखिरी तारीख है और अब तक सीट शेयरिंग पर बात नहीं बनी है। ऐसे पूरी संभावना है कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस अलग-अलग ही चुनाव लड़ेंगी।
आम आदमी पार्टी की नेता संदीप पाठक ने कहा कि हम सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने को तैयार हैं। जो लोग हमें कमजोर आंक रहे हैं उन्हें बाद में पछताना पड़ेगा। संदीप पाठक की बातों से जाहिर होता है कि कांग्रेस ज्यादा से ज्यादा सीटें चाहती हैं। वहीं आम आदमी पार्टी कम सीटों पर समझौता करने को तैयार नहीं हैं। कांग्रेस के महासचिव दीपक बाबरिया ने कहा कि अब भी दोनों पार्टियों के बीच बातचीत चल रही है और कोई भी फैसला नहीं लिया गया है। इसमें एक या दो दिन लग सकते हैं।
आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने दीपक बाबरिया से शनिवार को बात की थी। आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा था कि किसी को भी हरियाणा में आम आदमी पार्टी की ताकत को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। कांग्रेस ने 32 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। इसके बाद से आम आदमी पार्टी का रुख और ज्यादा कड़ा नजर आ रहा है।
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट की मानें तो कांग्रेस ने जिन सीटों पर उम्मीदवार का ऐलान किया है उनमें से कुछ सीटों पर आम आदी पार्टी चुनाव लड़ना चाहती है। कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक पार्टी ऐसी सीटें नहीं छोड़ना चाहती जिनपर उसकी स्थिति मजबूत बताई जाती है। तीसरे राउंड की बैठक के बाद बाबरिया ने कहा, सीट शेयरिंग पर बात हो रही है। वहीं कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि आम आदमी पार्टी लगभग 20 सीटों की मांग कर रही थी। जिसपर कांग्रेस तैयार नहीं थी। हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं।
हरियाणा की कांग्रेस यूनिट भी गठबंधन नहीं चाहती है। वहीं AICC आलाकमान इंडिया गठबंधन की एकता बनाए रखने के पक्ष में है। राहुल गांधी भी चाहते हैं कि आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन बरकरार रहे। आम आदमी पार्टी के सूत्रों का कहना है कि पार्टी 90 में से कम से कम 50 पर लड़ने की तैयारी कर रही है। रविवार तक पार्टी प्रत्याशियों की सूची जारी कर सकती है। कुछ लोगों का कहना है कि कांग्रेस के साथ बातचीत लगभग खत्म हो चुकी है।
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