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प्रदेश के 15 बड़े बांधों में से 14 फुल हो चुके हैं। मंदसौर का गांधीसागर ही ऐसा डैम है, जो पूरा नहीं भरा है।
इस साल मानसून ने मध्यप्रदेश में पेयजल, सिंचाई और बिजली उत्पादन को लेकर सारी चिंताएं खत्म कर दी हैं। डैम इतने भर चुके हैं कि गर्मी के सीजन में पेयजल को लेकर गंभीर हालात खड़े नहीं होंगे यानी गर्मी तक वाटर सप्लाई का इंतजाम हो गया है। रबी सीजन में गेहूं-च
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इंदिरा सागर, बाणसागर, तवा, बरगी, ओंकारेश्वर डैम अपनी कैपेसिटी के मुताबिक बिजली का उत्पादन भी कर सकेंगे। वहीं, कोलार, बरगी, तिघरा, यशवंत सागर, गंभीर डैम भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर जैसे बड़े शहरों की प्यास भी बुझा सकेंगे।
इस बार भोपाल के भदभदा, कलियासोत और केरवा डैम अगस्त में ही छलक उठे।
एमपी में 60 से ज्यादा डैम, सभी भरे
एमपी के बांधों की अच्छी तस्वीरें सामने आई हैं। प्रदेश में 60 से ज्यादा डैम हैं, जिनमें 15 बड़े हैं। इनमें से भी 14 फुल हो चुके हैं। सिर्फ मंदसौर का गांधीसागर ही ऐसा डैम है, जो पूरा नहीं भरा है। हालांकि, एक सप्ताह की तेज बारिश में ये डैम भी फुल हो जाएगा।
डेढ़ महीने में ही खुल गए थे गेट
मध्यप्रदेश में इस साल 21 जून को मानसून ने एंट्री की थी और एक सप्ताह में ही पूरे राज्य पर छा गया था। इसके डेढ़ महीने के भीतर ही कई डैम छलके उठे थे। भोपाल के पास कोलार डैम के 8 में से 4 गेट जुलाई में ही खुल गए थे। अगस्त और सितंबर में भी गेट खुले रहे।
बड़ा तालाब के फुल टैंक लेवल 1666.80 फीट तक आते ही भदभदा और फिर कलियासोत डैम के भी सभी गेट खुल गए। केरवा डैम भी ओवरफ्लो हो गया। सितंबर के शुरुआती दिनों में ही इन तीनों डैम के गेट एक साथ खुले रहे।
पिछले 10 साल में ऐसा दो से तीन बार ही हुआ है। कोलार, केरवा, कलियासोत और भदभदा डैम भरने से 34 लाख लोगों की पेयजल आपूर्ति और सिंचाई के लिए पानी की जरूरत पूरी हो गई है।
मानसून को अभी 22 दिन बाकी
अभी मानसून की विदाई में 22 दिन बाकी बचे हैं। मौसम विभाग की मानें तो 11 सितंबर से बारिश का स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव हो रहा है। इससे एक बार फिर पूरे प्रदेश में तेज बारिश का दौर शुरू होगा। ऐसे में गांधीसागर डैम फुल हो जाएगा, जबकि अन्य डैमों के गेट फिर खुल जाएंगे।
28 जिलों में कोटा फुल
एमपी में इस बार मानसून उम्मीदों के मुताबिक ही बरस रहा है। अब तक औसत 36.1 इंच बारिश हो चुकी है, जो सीजन की 97% है। वहीं, सामान्य बारिश 37.3 इंच से सिर्फ 1.2 इंच ही कम है। अब तक की स्थिति में 9% बारिश ज्यादा हुई है। ऐसे में भोपाल, ग्वालियर समेत प्रदेश के 28 जिलों में सामान्य से ज्यादा पानी गिर चुका है।
आइए, जानते हैं मध्यप्रदेश के बांधों की ताजा स्थिति…
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