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मध्य प्रदेश के जबलपुर में एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा खुद को पुलिसकर्मी बताकर महिला कॉलेज की कई छात्राओं को ब्लैकमेल कर ठगने का मामला सामने आया है। आरोपी सोशल मीडिया पर अश्लील तस्वीरें और वीडियो पोस्ट करने का आरोप लगाकर छात्राओं से पैसे ऐंठता है। वह इन फोटो और वीडियो को लड़कियों के परिवारवालों के पास भेजकर उन्हें बेइज्जत करने की धमकी देता है। इस मामले की जांच कर रही पुलिस को शक है जालसाज ने एआई की मदद से छात्राओं के अश्लील फोटो और वीडियो बनाए हैं।
जबलपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) आदित्य प्रताप सिंह ने शुक्रवार को संवाददाताओं को बताया कि पिछले चार दिनों में मध्य प्रदेश के शहर में सरकारी मनकुंवर बाई महिला कॉलेज की कई छात्राओं को जालसाज की ओर से पुलिस कार्रवाई की धमकी देने वाले फोन और मैसेज मिले हैं।
एसपी ने बताया कि फोन करने वाला खुद को ‘पुलिस अधिकारी विक्रम गोस्वामी’ बताता और महिलाओं से कहता कि उन्होंने सोशल मीडिया पर अश्लील फोटो और वीडियो अपलोड किए हैं और अगर उन्होंने पैसे नहीं दिए तो उन पर मुकदमा चलाया जाएगा।
पुलिस को शक है कि अपराधी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल कर छात्राओं की फोटो और वीडियो बनाकर उन्हें निशाना बना रहा था। इनमें से दो छात्राओं ने उसे 2,000 और 3,000 हजार रुपये भी भेजे थे। उन्होंने कहा कि वे यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि उसे छात्राओं के नंबर कैसे और कहां से मिले।
छात्राओं को माता-पिता का नाम लेकर देता था धमकी
फोन करने वाले ने छात्राओं के मोबाइल फोन पर आपत्तिजनक तस्वीरों और वीडियो का लिंक भेजा था और उन्हें ‘सोशल मीडिया पर ऐसी अश्लील क्लिप शेयर करने’ के आरोप में पुलिस में मामला दर्ज करने की धमकी दी थी। पुलिस अधिकारी ने कहा कि उसने छात्राओं से यह भी कहा कि पुलिस की एक टीम उनके माता-पिता से मिलने जाएगी। एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने कहा कि छात्राओं द्वारा धमकी भरे फोन और मैसेजों के बारे में सूचित किए जाने के बाद कॉलेज प्रबंधन ने इसकी जानकारी पुलिस को दी।
इन धाराओं में दर्ज हुई एफआईआर
एसपी ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318 (धोखाधड़ी) और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 66 (संचार सेवा आदि के माध्यम से आपत्तिजनक संदेश भेजना) और 67 (इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री प्रकाशित या प्रसारित करना) के तहत एक एफआईआर दर्ज की गई है।
एआई तकनीक से बनाए गए वीडियो
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सोनाक्षी सक्सेना ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि वीडियो एआई तकनीक का उपयोग करके बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इतनी सारी छात्राओं के मोबाइल नंबर फोन करने वाले के पास कैसे पहुंचे। उन्होंने बताया कि जालसाज की पहचान के प्रयास जारी हैं।
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