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सैकड़ों लोगों से दो करोड़ से अधिक की ठगी कर चुके, तीन दबोचे गिरोह की मास्टरमाइंड युवती और छह अन्य सदस्य फरार
ट्रांस हिंडन (गाजियाबाद), संवाददाता। क्रेडिट कार्ड के रिवार्ड प्वाइंट रिडीम कराने का झांसा देकर सैकड़ों लोगों से दो करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने वाले तीन बदमाशों को इंदिरापुरम पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने किराये पर ट्रेवलर बस लेकर चलता-फिरता मिनी कॉल सेंटर बनाया हुआ था। गिरोह की मास्टरमाइंड युवती और छह अन्य सदस्य फरार हैं।
एसीपी इंदिरापुरम स्वतंत्र कुमार सिंह ने बताया कि आरोपियों से ठगी में प्रयोग किए जाने वाले 20 मोबाइल, सिम कार्ड, क्रेडिट कार्ड धारकों का डाटा, 30 बैटरी और अन्य सामान मिला है। एसीपी ने बताया कि गुरुवार देर रात इंदिरापुरम पुलिस ने चेकिंग के दौरान आरोपियों को गिरफ्तार किया। उन्होंने अपने नाम सुशांत कुमार निवासी नंद विहार द्वारिका दिल्ली मूल निवासी तिरवेंद्रम केरल, अमन गोस्वामी निवासी राजनगर कॉलोनी लोनी बॉर्डर और सन्नी कश्यप निवासी विकास कुंज फरूखनगर थाना टीला मोड़ बताए।
आरोपियों ने बताया कि वह लोगों को क्रेडिट कार्ड के रिवार्ड प्वाइंट रिडीम कराने का लालच देकर रकम ऐंठते थे। तीनों आरोपी स्नातक तक पढ़ाई कर चुके हैं। एसीपी ने बताया कि गिरोह दो से तीन साल के दौरान सैकड़ों लोगों से ठगी कर चुका है। गिरफ्तार आरोपियों को ठगी के रकम से तय कमीशन के साथ ही प्रतिमाह ठीक-ठाक सेलरी भी दी जाती थी। मोटी आमदनी होने के लालच में पढ़े लिखे बेरोजगार युवक भी गिरोह में शामिल हो जाते थे।
यूट्यूब चैनल के लिए शूटिंग के नाम पर लेते थे बस :
आरोपियों ने बताया कि वह ट्रेवलर बस को एक यूट्यूब चैनल के लिए शूटिंग के नाम पर मंगाते थे। इसके लिए बस मालिक को प्रतिदिन दो हजार रुपये देते थे। बस चालक सुभाष गिरोह में शामिल है। वह आरोपी अमन का मामा है, जबकि बस गोकलपुरी दिल्ली निवासी ध्यानचंद नामक व्यक्ति की है। सुभाष अभी फरार है। आरोपियों ने बताया कि टेली कॉलिंग से क्रेडिट कार्ड धारकों को फोन कर सारी जानकारी ले लेते थे। इसके बाद आईमोबाइल पे, माई मोबाइल डॉट इन, लॉगिन कार्ड जैसे फर्जी पोर्टल बनवाकर उक्त डिटेल फीड कर देते थे। फिर फर्जी साइट और इंटरफेस के माध्यम से प्वाइंट रिडीम करा लेते थे। प्वाइंट रिडीम करा लेने के बाद वह रुपयों को फर्जी नाम से बनाए गए खातों में ट्रांसफर करा लेते। रिडीम प्वाइंट से शॉपिंग भी करते थे।
मोहननगर से शुरू होता था कॉल सेंटर :
पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि एक ट्रेवलर बस उन्हें प्रतिदिन मोहननगर स्थित वर्ल्ड स्क्वायर मॉल के पास बैठाती थी और फिर उन्हें ट्रांस हिंडन एरिया में अलग अलग स्थानों पर ले जाया जाता था। बस में उन्हें गिरोह की मास्टरमाइंड युवती के जरिये क्रेडिट कार्ड धारकों की सूची और मोबाइल दिए जाते थे। इसके बाद वह क्रेडिट कार्ड धारकों को कॉल कर उनसे ठगी करते थे। इतना ही नहीं चलती बस में ही कॉल की जाती थी। दिए गए टारगेट के अनुसार उन्हें इंसेंटिव दिया जाता था।
बस में बैठाते ही जब्त कर लेते थे मोबाइल :
आरोपियों ने बताया कि गिरोह के मास्टरमाइंड मोहन नगर पर बस में बैठने के दौरान उनके मोबाइल फोन अपने कब्जे में ले लेते और उन्हें टेली कॉलिंग के लिए की-पेड और एंड्रायड मोबाइल के साथ जरूरी सामान देते थे। शाम को काम समाप्त होने पर दिया गया सामान लेकर मोबाइल वापस कर दिए जाते थे। फर्जी कागजात के जरिये रेंट एग्रीमेंट बनवाने के बाद फर्जी खाते और पैन कार्ड बनवाकर ठगी में प्रयोग करते थे।
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