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दीपक हुड्डा, विनेश फोगाट, योगेश्वर दत्त, बबीता फोगाट।
हरियाणा के चुनावी मैदान में साल 2019 की तरह इस बार भी कुछ खिलाड़ी उतर सकते हैं। बीजेपी द्वारा जारी की गई 67 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट में महम से कबड्डी खिलाड़ी दीपक हुड्डा को चुनावी मैदान में उतारा गया है। तो इधर, कांग्रेस में विनेश फोगाट के शामिल हो
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कई दूसरे खिलाड़ी भी लगातार टिकट मांग रहे हैं, जिनमें पहलवान योगेश्वर दत्त और महिला बॉक्सर स्वीटी बूरा का नाम शामिल है। हरियाणा विधानसभा के आंकड़े खिलाड़ियों के मामले में काफी दिलचस्प हैं। हरियाणा में खिलाड़ियों के लिए राजनीतिक दंगल बिल्कुल भी आसान नहीं रहा है। ग्राउंड से विधानसभा तक पहुंचने का सपना तो कई खिलाड़ियों ने देखा, लेकिन सफल केवल हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह हो पाए। चुनाव जीतने के मामले में अन्य खिलाड़ियों की किस्मत के सितारे फीके ही नजर आए।
आइए जानते हैं कि 2019 में कितने खिलाड़ियों ने चुनाव लड़ा था और इसमें से कितने खिलाड़ियों को सफलता मिली थी? साथ ही, इस बार कितने खिलाड़ियों को मौका मिल सकता है?
शुक्रवार को विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया कांग्रेस में शामिल हुए।
कितने खिलाड़ियों ने 2019 में लड़ा चुनाव? 2019 में हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर पहलवान बबीता फोगाट, पहलवान योगेश्वर दत्त और हॉकी खिलाड़ी संदीप सिंह चुनावी मैदान में थे। लेकिन तीनों में से केवल संदीप को ही जीत मिली थी। वहीं बबीता और योगेश्वर को हार का सामना करना पड़ा था। ये तीनों खिलाड़ी 21 अक्तूबर 2019 को हुए चुनाव से कुछ ही हफ्ते पहले भाजपा में शामिल हुए थे और भाजपा ने इन्हें टिकट भी दी।
योगेश्वर दत्त: ओलंपिक पदक विजेता और पद्मश्री योगेश्वर दत्त ने सोनीपत जिले की बरोदा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था। 2012 लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले योगेश्वर कांग्रेस प्रत्याशी श्रीकृष्ण हुड्डा से हार गए थे। श्रीकृष्ण हुड्डा ने उन्हें 4,840 मतों के अंतर से हराया था।
बबीता फोगाट: राष्ट्रमंडल स्वर्ण पदक विजेता बबीता ने चरखी दादरी से उम्मीदवारी पेश की थी। लेकिन वह निर्दलीय उम्मीदवार सोमवीर सांगवान से 14,272 मतों के अंतर से हार गई थी।
संदीप सिंह: पिछली बार चुनाव लड़ने वाले तीन खिलाड़ियों में से केवल संदीप सिंह को ही जीत मिली थी। वह कुरुक्षेत्र जिले की पिहोवा सीट से चुनावी मैदान में उतरे थे। संदीप सिंह ने कांग्रेस के मंदीप सिंह चिट्ठा को 5,314 मतों से हराया था। चुनाव में मिली जीत के बाद उन्हें खट्टर सरकार में खेल मंत्री बनाया गया था।
हालांकि बाद में संदीप विवादों में फंस गए थे। हरियाणा के एक जूनियर एथलेटिक्स कोच ने करीब दो साल पहले पूर्व मंत्री के खिलाफ छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद संदीप ने खेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था। चंडीगढ़ की एक अदालत ने इसी साल जुलाई के अंत में संदीप के खिलाफ जूनियर महिला कोच द्वारा दर्ज कराए गए यौन उत्पीड़न के मामले में आरोप भी तय किए।
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