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Russia Ukrain War: रूस-यूक्रेन जंग के 2 साल से ज्यादा हो गए हैं. किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि इस जंग में परमाणु ताकत वाले रूस के सामने यूक्रेन जैसा छोटा देश इतने समय तक टिकेगा. मगर, अब समय बदल रहा है. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, रूसी सैनिकों ने तीन सरेंडर करने वाले यूक्रेन के जवानों को मौत के घाट उतार डाला. जब वो सरेंडर करने के लिए बंकर से बाहर हथियार डालकर सरेंडर के लिए निकल रहे थे.
यूक्रेनी अधिकारी का कहना है कि, जिन्होंने यूनिट की पहचान की सुरक्षा के लिए कुछ ब्यौरा छिपाने का अनुरोध किया है. यह साफ तौर पर हत्याओं को बढ़ावा देना का हिस्सा है, जो इस साल तेजी से बढ़ता जा रहा है. इस बीच यूक्रेनी रक्षा खुफिया सूत्रों ने सीएनएन को नवंबर से अब तक 15 मामलों की एक लिस्ट दी है, जिनमें से ज्यादातर ड्रोन वीडियो या ऑडियो इंटरसेप्ट्स हैं, जिसमें उन्होंने कहा है कि सरेंडर करने वाले यूक्रेनी सैनिकों को बंदी बनाने के बजाय रूसी सैनिकों ने मौत के घाट उतार दिया था.
28 घटनाओं की जांच कर रहा ऑफिस- प्रॉसीक्यूटर जनरल
यूक्रेन के प्रॉसीक्यूटर जनरल ने सीएनएन को बताया कि उनका कार्यालय युद्ध शुरू होने के बाद से 28 ऐसी घटनाओं की जांच कर रहा है, जिनमें कुल 62 यूक्रेनी सैनिक मारे गए हैं. पोक्रोवस्क क्षेत्र से मिले वीडियो फुटेज रूसी सेना की लगातार क्रूर रणनीति है, क्योंकि वे यूक्रेन के पूर्व में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं.
पोक्रोवस्क की ओर रूसी सैनिकों को कार्रवाई लगातार जारी
बताया जा रहा है कि यूक्रेनी स्ट्रैटजिक मिलेट्री सेंटर पोक्रोवस्क की ओर मास्को की कोशिश लगातार जारी है, बावजूद इसके कि कीव ने हाल ही में रूसी सीमा क्षेत्र कुर्स्क में बढ़त हासिल कर ली है, जिससे यह उम्मीद बढ़ गई है कि क्रेमलिन रूस की अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए सैनिकों को ट्रांसफर करने के लिए मजबूर हो जाएगा.
रूस की ओर से की जाने वाली हत्या को युद्ध अपराध माना
यूक्रेनी प्रॉसीक्यूटर ने सीएनएन को बताया कि उनका मानना है कि कथित हत्याएं युद्ध अपराध हैं. जोकि, क्रेमलिन की एक सुनियोजित नीति का हिस्सा हैं. यूक्रेन के प्रॉसीक्यूटर जनरल एंड्री कोस्टिन ने बताया, “अगर युद्ध बंदी सरेंडर करते हैं और वे दिखाते हैं कि उनके हाथों में हथियार नहीं हैं, तो रूसी सैनिकों द्वारा उनकी हत्या करना एक युद्ध अपराध है.
कोस्टिन ने कहा कि यूक्रेन के कई इलाकों में इस तरह के अपराध किए गए हैं, जिससे कीव को “यह दावा करने का मौका मिला है कि ऐसी नीति को मानवता के खिलाफ अपराध के रूप में बढ़ाया जा सकता है. यह नीति क्रेमलिन की ओर से चलाई जा रही है.
यूक्रेनी कमांडरों को हो रहा अपने सैनिकों का मनोबल कम होने का खतरा
रूस की बढ़ती रणनीति को दर्शाने वाले वीडियो के सामने आने से यूक्रेनी कमांडरों के लिए दुविधा की स्थिति पैदा हो गई है. क्योंकि उन्हें अपने सैनिकों और विश्व को रूसी बर्बरता के बारे में चेतावनी देने के कठिन कामका सामना करना पड़ रहा है, जिससे पहले से ही कमजोर पड़े यूक्रेनी मनोबल के और ज्यादा कमजोर होने का खतरा है.
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