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वन विभाग की टीम ने वन्यजीवों की तस्करी से जुड़े बड़े नेटवर्क का खुलासा किया है। टीम ने दो तस्करों से लेपर्ड का सिर, खाल और हाथी दांत से बने अलग-अलग तरह के सामान बरामद किए हैं। मामला जोधपुर के उम्मेद उद्यान का है।
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वन विभाग की टीम ने पुलिस के सहयोग से शुक्रवार शाम करीब 4 बजे दोनों तस्करों को पकड़ा है। बताया जा रहा है कि टीम तीन दिन से इनके पीछे लगी थी और आखिर में खरीदार बनकर इनसे कॉन्टैक्ट किया। अभी ये तस्कर पुलिस की हिरासत में है और इनके नामों का खुलासा नहीं किया है। इन तस्करों से सांभर के सींग भी बरामद किए हैं। इनकी कीमत करीब 70 लाख रुपए बताई जा रही है।
तस्करों से लेपर्ड का सिर, खाल, हाथी दांत और बड़ी मात्रा में वन्य जीवों के अंगों से बने सामान मिले हैं।
3 दिन से तस्करों के पीछे लगी थी टीम जोधपुर वन मंडल के डीएफओ मोहित गुप्ता ने बताया कि टीम को पिछले काफी समय से वन्यजीवों से जुड़े सामान की तस्करी की सूचना मिल रही थी। टीम 3 दिनों से इनके पीछे लगी हुई थी। टीम ने ग्राहक बनकर तस्करों से कॉन्टैक्ट किया। इसके बाद शुक्रवार को इन्हें जोधपुर के उम्मेद उद्यान के पास बुलाया। इस दौरान पुलिस टीम भी मौजूद थी।
जैसे ही दोनों तस्कर ये सामान लेकर पहुंचे टीम ने उनको दबोच लिया। जब इनके पास रखे सामान को खंगाला तो टीम चौंक गई। इनसे बड़ी मात्रा में वन्य जीवों की चमड़ी, दांत और अन्य अंगों से बने सामान बरामद हुए हैं। डीएफओ ने बताया कि अभी ये हिरासत में है और इनके नेटवर्क को लेकर पूछताछ की जा रही है।
वन विभाग की टीम 3 दिनों से तस्करों के पीछे लगी हुई थी। टीम ने ग्राहक बनकर तस्करों से कॉन्टैक्ट किया।
लेपर्ड का सिर और हाथी दांत से बने सामान मिले आरोपियों के पास से लेपर्ड का सिर, सांभर की खाल, हाथी दांत से जुड़े विभिन्न साजो-सामान की सामग्री बरामद की गई। इसके अलावा आरोपियों से हाथी दांत के कंगन, गहने रखने का बॉक्स, पेन स्टैंड, पिकदान, मांग भरने की डिब्बी आदि बरामद किए गए हैं।
3 से 7 साल तक की हो सकती है सजा वाइल्डलाइफ कानून के तहत वन्य जीव के अंगों से जुड़ी सामग्री बेचना अपराध है। इसके लिए 3 से 7 साल तक की सजा हो सकती है। वन विभाग को इस पूरे मामले के तार अंतरराष्ट्रीय तस्करों से जुड़े नजर आ रहे हैं। पूछताछ के बाद ही सामने आ सकेगा कि आरोपी कब से तस्करी कर रहे थे।
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