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झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने शुक्रवार को राज्य के लोगों को एक साथ कई सौगातें दीं। कैबिनेट ने मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (MMSY) का लाभ पाने के लिए महिलाओं की न्यूनतम आयु सीमा 21 से घटाकर 18 साल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। साथ ही वकीलों और सहायक पुलिसकर्मियों को भी बड़ी सौगातें दीं। जिसके बाद उनके बीच खुशी की लहर दौड़ गई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया।
वकीलों के लिए घोषित योजनाओं के बारे में बताते हुए झारखंड के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि, ‘राज्य कैबिनेट ने अधिवक्ताओं के लिए आज तीन बड़ी योजनाओं को मंजूरी दे दी। नए अधिवक्ताओं को पहले पांच साल तक 5,000 रुपए प्रतिमाह का स्टाइपेंड मिलेगा। साथ ही उन्हें 5 लाख रुपए का मेडिकल बीमा भी मिलेगा। इस कदम से राज्य के करीब 30,000 वकीलों को फायदा होने की संभावना है। साथ ही कैबिनेट ने 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के वकीलों की पेंशन को 7,000 रुपए से बढ़ाकर 14,000 रुपए प्रति माह करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई।’
इसके अलावा सहायक पुलिसकर्मियों को सौगात देते हुए कैबिनेट ने उनके लिए 13 हजार रुपए प्रतिमाह का मानदेय, 4 हजार रुपए प्रतिवर्ष वर्दी भत्ता, 1 लाख का मेडिक्लेम एवं 4 लाख का दुर्घटना बीमा, संविदाकर्मी के अनुरूप अवकाश, महिला सहायक पुलिसकर्मी को मातृत्व अवकाश का लाभ देने और अवधि विस्तार करने की घोषणा भी की।
कैबिनेट सचिव वंदना दादेल ने शुक्रवार को कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि मंईयां योजना के लिए आयु सीमा को कम करने से लगभग 8 लाख अतिरिक्त महिलाओं को भी इस योजना का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘महिला एवं बाल कल्याण विभाग के प्रस्ताव को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। अब 18 वर्ष से अधिक आयु की सभी महिलाएं इस योजना के लिए पात्र होंगी। वर्तमान में 48 लाख महिलाएं इस योजना के अंतर्गत आती हैं। पहले यह योजना केवल 21 वर्ष की आयु प्राप्त करने वाली महिलाओं के लिए लागू थी। आयु सीमा घटाकर 18 वर्ष करने से 8 लाख और महिलाएं इसके अंतर्गत आएंगी।’
दादेल ने बताया कि MMSY पर प्रति वर्ष ₹6,720 करोड़ खर्च होंगे। 8 लाख महिलाओं के इस योजना से जुड़ने पर वार्षिक लागत ₹560 करोड़ से अधिक होगी। उन्होंने कहा कि, ‘अतिरिक्त धनराशि राज्य की आकस्मिक निधि से वहन की जाएगी।’बता दें कि MMSY झामुमो-कांग्रेस-राजद सरकार की प्रमुख योजना है, जिसे सत्तारूढ़ मोर्चे आगामी विधानसभा चुनावों के लिए इसे एक बड़ा गेम चेंजर मान रहा है। चुनावों के नवंबर में होने की संभावना है।
इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 3 अगस्त को औपचारिक रूप से इस योजना का शुभारंभ किया था, जिसके तहत लाभार्थी महिलाओं को हर महीने 1,000 रुपए की राशि सीधे उनके खाते में दी जाती है। उम्र सीमा घटाने के बाद राज्य की करीब 56 लाख महिलाओं को इस योजना से लाभ मिलने की उम्मीद है, जिसे सत्तारूढ़ गठबंधन के थिंक टैंक ने विधानसभा चुनाव से पहले गेम चेंजर बताया है।
वहीं विपक्ष इस योजना को लेकर हेमंत सरकार पर निशाना साध रहा है और कह रहा है कि यह योजना चुनावी लाभ के लिए शुरू की गई है और चुनाव के बाद इसे बंद कर दिया जाएगा। साथ ही गुमला जिले के एक व्यक्ति ने इस योजना पर रोक लगाने की मांग करते हुए झारखंड उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) भी दायर की है। इसमें आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार सार्वजनिक धन का दुरुपयोग कर रही है। जनहित याचिका को अभी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाना है।
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