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बीसलपुर बांध पहली बार सितंबर माह में छलका ।
जयपुर, टोंक, अजमेर की लाइफ लाइन बीसलपुर बांध के शुक्रवार को गेट खुलने के साथ ही 21 वें साल इसका अगस्त माह में ही भरने का रिकॉर्ड टूट गया। यह इस बांध के 21 साल के इतिहास में पहली बार हुआ है कि इस बांध के गेट सितंबर माह में खुले हैं।
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आज से पहले यह बांध छह बार फुल भरा और इसके गेट खोलने पड़े, लेकिन छह बार यह बांध अगस्त माह में ही ये ओवरफ्लो हुआ है। यानि आज से पहले इसके छह बार गेट खोले जा चुके हैं और अगस्त माह में ही खुले हैं। आज पहली बार सितंबर माह में बीसलपुर बांध फुल भरकर छलका है। इसके चलते गेट खोलने पड़े हैं। इसी के साथ अब यह भी इतिहास बन गया कि 21 साल में बीसलपुर बांध पहली बार सितंबर में छलका है।
हर तीन साल में भरने का रिकार्ड क़ायम रहा
बांध का अगस्त माह में ही भरने का रिकॉर्ड आज भले ही सितंबर माह में गेट खुलने के साथ ही टूट गया हो, लेकिन इसका एवरेज हर तीन साल में गेट खुलने का रिकार्ड क़ायम रह गया है। यह बांध में पानी में भराव का 21 वां साल है और इस साल एवरेज हर तीन साल में भरने के हिसाब से भरना था, जो फुल भर गया और गेट खुलने के साथ ही हर तीन साल में भरने का रिकार्ड क़ायम रह गया।
2004 में पहली बार पानी रोका, उसी साल गेट खोले
अजमेर संभाग के सबसे बड़े बीसलपुर बांध के जलस्तर की क्षमता 315.50 आर एल मीटर है। टीएमसी मापदंड में इसकी कुल पानी की भराव क्षमता 38.708 टीएमसी है। इस बांध का निर्माण होने के बाद इसमे पहली बार 2004 में पानी रोका गया था और पहली बार में ही पूरा भरकर छलक गया था। उसके बाद 2006, 2014, 2016, 2019, 2020, 2022 में इसके गेट खोले जा चुके है। अब सातवी बार आज इस बांध के गेट खुले हैं।
नहरों में पानी नौ बार छोड़ा
बांध से अब तक 2004, 2005, 2006, 2007, 2011 से 2017, 2019, 2022, 2023 में सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जा चुका है। इस साल भी किसानों को रबी फसलों की सिंचाई के लिए पूरा पानी मिल सकेगा।
2004 में पहली बार पानी रोका, उसी साल गेट खोले
अजमेर संभाग का सबसे बड़ा बीसलपुर बांध के जलस्तर की क्षमता 315.50 आर एल मीटर है। टीएमसी मापदंड में इसकी कुल पानी की भराव क्षमता 38.708 टीएमसी है। इस बांध का निर्माण होने के बाद इसमे पहली बार 2004 में पानी रोका गया था और पहली बार में ही पूरा भरकर छलक गया था। उसके बाद 2006, 2014, 2016, 2019, 2020, 2022 में इसके गेट खोले जा चुके है। अब सातवी बार आज इस बांध के गेट खुले है।
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