[ad_1]
हरियाणा चुनाव से पहले सियासी हलचल काफी तेज है। इस बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा है कि हरियाणा चुनाव में ‘इंडिया अलायंस’ की एकजुटता नया इतिहास लिखने में सक्षम है। हमने कई बार कहा है और एक बार फिर दोहरा रहे हैं व आगे भी दोहरायेंगे कि ‘बात सीट की नहीं जीत की है’। उन्होंने लिखा है कि बात दो-चार सीटों पर प्रत्याशी उतारने की नहीं है, बात तो जनता के दुख-दर्द को समझते हुए उनको भाजपा की जोड़-तोड़ की भ्रष्टाचारी सियासत से मुक्ति दिलाने की है, साथ ही हरियाणा के सच्चे विकास और जनता के कल्याण की है। पिछले 10 सालों में भाजपा ने हरियाणा के विकास को बीसों साल पीछे ढकेल दिया है। माना जा रहा है कि यह बात अखिलेश यादव ने कांग्रेस को नसीहत देते हुए कही है।
अखिलेश यादव ने लिखा कि हरियाणा के विकास व सौहार्द की विरोधी ‘भाजपा की नकारात्मक, साम्प्रदायिक, विभाजनकारी राजनीति’ को हराने में ‘इंडिया अलायंस’ की जो भी पार्टी सक्षम होगी। हम उसके साथ अपने संगठन और समर्थकों की शक्ति को जोड़ देंगे। हम मानते हैं कि हमारे या इंडिया अलायंस के किसी भी दल के लिए, ये समय अपनी राजनीतिक संभावना तलाशने का नहीं है बल्कि त्याग और बलिदान का है। जनहित के परमार्थ मार्ग पर स्वार्थ के लिए कोई जगह नहीं होती। अखिलेश यादव ने आगे लिखा कि कुटिल और स्वार्थी लोग कभी भी इतिहास में अपना नाम दर्ज नहीं करा सकते हैं। ऐसे लोगों की राजनीति को हराने के लिए ये क्षण, अपने से ऊपर उठने का ऐतिहासिक अवसर है। हम हरियाणा के हित के लिए बड़े दिल से, हर त्याग-परित्याग के लिए तैयार हैं। इंडिया एलायंस की पुकार, जनहित में हो बदलाव!
गौरतलब है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की संभावनाओं पर बातचीत चल रही है। हालांकि अभी इसको लेकर कुछ भी तय नहीं है। बताया जा रहा है कि हरियाणा कांग्रेस के कई नेताओं के बीच इसको लेकर आम राय नहीं है। कई विधायकों को अपना टिकट कटने का डर सताने लगा है। कुछ नेता जहां मतों के विभाजन को रोकने के लिए आप के साथ गठबंधन के पक्ष में हैं, वहीं अन्य ने इस पर आपत्ति जताई है। बता दें कि 90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस के पास 28 विधायक हैं। हरियाणा के लिए कांग्रेस की उप-समिति ने कई वरिष्ठ नेताओं के साथ परामर्श किया है।
[ad_2]
Source link