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नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करवाने में भारत पूरी जोर-शोर से लगा है. भारत चाहता है कि बातचीत के जरिए कत्लेआम खत्म हो. इसके लिए भारत ने रूस और यूक्रेन दोनों से बातचीत की है. अब खुद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने माना है कि यूक्रेन जंग भारत रुकवा सकता है. हालांकि, पुतिन ने भारत के साथ अपने दुश्मन देश चीन को भी क्रेडिट दिया है. पुतिन ने कहा कि भारत, चीन और ब्राजील, ही रूस और यूक्रेन के बीच मीडिएटर का काम कर सकते हैं. रूस और यूक्रेन के बीच जंग करीब दो साल से अधिक समय से चल रही है.
सबसे पहले जानते हैं कि पुतिन ने क्या कहा? राष्ट्रपति पुति ने गुरुवार को कहा कि चीन, भारत और ब्राजील यूक्रेन पर संभावित शांति वार्ता में मीडिएटर यानी मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं. रॉयटर्स के मुताबिक, पुतिन ने कहा कि युद्ध के पहले हफ्तों में इस्तांबुल में वार्ता में रूसी और यूक्रेनी वार्ताकारों के बीच एक प्रारंभिक समझौता हुआ था, जिसे कभी लागू नहीं किया गया. यह समझौता वार्ता का आधार बन सकता है.
दरअसल, पीएम मोदी के रूस और यूक्रेन दौरे के बाद पुतिन का यह बयान आया है. अब तक पुतिन ने कभी खुलकर यूक्रेन संग बातचीत पर कुछ नहीं बोला था. मगर यह पहली बार है, जब पुतिन ने कहा है कि वह यूक्रेन संग बातचीत करने को तैयार हैं. मगर उन्होंने इशारा कर दिया है कि रूस को केवल भारत, चीन और ब्राजील की ही मध्यस्थता स्वीकार होगी.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने के मुताबिक, राष्ट्रपति पुतिन ने कहा हम समझते हैं कि हम किससे निपट रहे हैं. ऐसे लोग जो समझौतों का सम्मान नहीं करते. इस साल जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति पुतिन से मिलने रूस गए थे. यह यात्रा यूक्रेन के साथ संघर्ष शुरू होने के ढाई साल बाद हुई थी. दोनों नेताओं ने युद्ध सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा की थी.
पीएम मोदी ने अगस्त में यूक्रेन का भी दौरा किया. 1992 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित होने के बाद से वह यूक्रेन की यात्रा करने वाले पहले भारतीय पीएम बने. अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने शांति, आर्थिक सहयोग, संस्कृति और रक्षा सहित कई मुद्दों पर चर्चा की.
इस बीच पुतिन ने पुष्टि की कि रूस पश्चिम से दूर होता जा रहा है और पूरब की ओर अपना रुख कर रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले तीन पूर्वी आर्थिक मंच (ईईएफ) में 10.5 ट्रिलियन रूबल से ज़्यादा के एक हज़ार से ज़्यादा समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए. पुतिन ने आगे कहा कि 30 से अधिक देश ब्रिक्स में शामिल होने या सहयोग करने की तत्परता दिखा रहे हैं. पश्चिम पहले ही समझ चुका है कि उन्होंने देशों को अपनी ‘मूर्खतापूर्ण’ हरकतों से डॉलर छोड़ने के लिए मजबूर करके गलती की है. उन्होंने कहा कि अभी, रूस ब्रिक्स भागीदारों के साथ 65 प्रतिशत लेन-देन में राष्ट्रीय मुद्राओं का उपयोग करता है.
Tags: Russia, Russia ukraine war, Vladimir Putin, World news
FIRST PUBLISHED : September 5, 2024, 14:01 IST
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