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Shwarna Das Killig Case: बीते 1 सितंबर को भारत में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे लोगों पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने गोली चलाई, जिसमें बांग्लादेश की एक बच्ची स्वर्णा दास की मौत हो गई. इस मामले पर बांग्लादेश ने आपत्ति दर्ज की है. विदेश मंत्रालय ने गुरुवार (05 सितंबर) को बयान जारी करके इस बात की जानकारी दी.
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, “विदेश मंत्रालय ने मौलवीबाजार जिले के जूरी उपजिला की 13 वर्षीय बांग्लादेशी लड़की स्वर्णा दास की हत्या पर भारत सरकार के समक्ष औपचारिक विरोध दर्ज कराया है, जिसे 01 सितंबर 2024 को भारत के बीएसएफ द्वारा गोली मार दी गई थी.”
MoFA has lodged a formal protest to the Govt of India on the killing of a 13-year-old Bangladeshi girl, Shwarna Das of Juri upazila of Moulvibazar district, who was shot by BSF of India on 01 September 2024.
— Ministry of Foreign Affairs, Bangladesh (@BDMOFA) September 5, 2024
इसके साथ ही बांग्लादेश ने भारत से ऐसे जघन्य कृत्यों की पुनरावृत्ति रोकने, सीमा पर हुई सभी हत्याओं की जांच करने, जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें न्याय के दायरे में लाने का भी आह्वान किया. उधर, घटना के 45 घंटे बाद मंगलवार रात को बीएसएफ ने शव को बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) को सौंप दिया.
जानिए क्या है पूरा मामला?
स्वर्णा दास पश्चिम जूरी संघ के जूरी उपजिला के अंतर्गत आने वाले कलनीगर गांव के रहने वाले पोरेन्द्र दास की बेटी थी. दरअसल, दि बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार रात मौलवीबाजार के कुलौरा उपजिला में शरीफपुर यूनियन के लालरचक सीमा क्षेत्र के पास जब वह और अन्य लोग भारत में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे थे, तो बीएसएफ कर्मियों ने उन्हें गोली मार दी.
बीएसएफ और बीओपी की हुई थी मीटिंग
कुलौरा पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी बिनय भूषण रॉय ने बताया कि आवश्यक कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद शव लड़की के परिवार को लौटा दिया गया. बीजीबी-46 बटालियन लालार्चक सीमा चौकी (बीओपी) के गश्ती कमांडर नाइक ओबैद ने कहा कि स्थिति से निपटने के लिए बीजीबी और बीएसएफ के बीच फ्लैग मीटिंग बुलाई गई थी.
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